मोस्टवांटेड 5 लाख का इनमिया विकास दुबे हुआ गिरफ्तार

उज्जैन।कानपुर एकनाउंटर का 5 लाख रुपया का मुख्य आरोपी विकास दुबे उज्जैन से पुलिस ने किया गिरफ्तार ।यह गिरफ्तारी तब हुयी जब मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल का दर्शन कर बाहर निकली ही रहे थे कि महाकाल मंदिर के गार्ड ने पहचाना। उसके बाद उसने पुलिस को इस बात की सूचना दी मौके पर छवनी में तब्दील पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।जिलाधिकारीआशीष सिंह उज्जैन से दुर्दांत अपराधी विकाश दूबे की गिरफ्तारी की खबर की पुष्टी की।बता दें कि उसकी तलाश पांच राज्यों की पुलिस कर रही थी।कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों का हत्यारा पांच लाख रुपये का इनमिया मोस्टवांटेड विकास दुबे मुठभेड़ के बाद से फरार था और योगी सरकार के लिए एक अबूझ पहेली बन गया है। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में जहां छापे पड़ रहे हैं। वही मध्य प्रदेश में महाकाल का दर्शनकरते वक्त गार्ड ने पहचाना जिसकी सूचना महाकाल पुलिस को दी।छावनी में तब्दील महाकाल पुलिस ने गिरफ्तार किया। इससे पहले विकास दुबे के दो साथी आज एनकाउंटर में ढेर हो गए। प्रभात मिश्रा पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया गया। प्रभात मिश्रा को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा विकास दुबे गैंग का एक और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बबन शुक्ला भी इटावा में ढेर हो गया।कानपुर पुलिस की टीम गुरुवार सुबह फरीदाबाद में गिरफ्तार किए गए विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी।एसटीफ की टीम एस्कॉर्ट कर रही थी।उसी वक्त पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी पंक्चर होने पर अभियुक्त प्रभात पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास करने लगा।उसने पुलिस पर अंधाधुंध फायर भी किया, जिसमें एसटीफ के दो आरक्षी गंभीर रूप से घायल हो गए।पुलिस द्वारा आत्मरक्षा के लिए किए गए फायर में बदमाश प्रभात घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. उल्लेखनीय है कि बुधवार को फरीदाबाद पुलिस ने प्रभात को 2 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था और इसके पास से 4 पिस्टल बरामद हुए थे, जिसमें 9mm की 2 पिस्टल पुलिस से लूटी हुई थी।उधर, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा द्वारा एसओ थाना चौबेपुर विनय तिवारी के खिलाफ एसएसपी को लिखा गया पत्र जांच में सही पाया गया है।सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए कानपुर भेजी गईं लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह बुधवार को लखनऊ वापस लौट आईं और जांच रिपोर्ट डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को सौंप दी।लक्ष्मी सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जांच पड़ताल और CO के कार्यालय के स्टाफ से पूछताछ की तो पता चला कि CO द्वारा एसएसपी को लिखा गया पत्र असली है।

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