*सावन के पहले सोमवार पर 2:00 बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे मंदिर
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देर रात तक 10 से 12 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन पूजन
वारणसी से पुरुषोत्तम की रिपोर्ट
वाराणसी। सावन माह के पहले सोमवार के दिन बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार हर हर महादेव और बोल बम के नारों से गूंज उठा। भोर से ही श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचने लगे। मंगला आरती के पश्चात आम दर्शनार्थियों का प्रवेश शुरू कर दिया गया था। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक श्री गौरांग राठी द्वारा समय-समय पर मंदिर की पूरी व्यवस्था और श्रद्धालुओं के आगमन सहित कई अन्य व्यवस्थाओं को लेकर लगातार जायजा लिया जाता रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं को कुल 3 मार्गों से मंदिर में प्रवेश दिया गया इन तीन मार्गों पर भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग मास्क का प्रयोग सैनिटाइजर वह थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई थी, ताकि सभी श्रद्धालुओं की आवश्यक जांच हो सके। इसके अलावा सामाजिक संस्थाओं द्वारा कियोस्क भी लगाया गया था, जहां पर थर्मल स्कैनर के साथ ही मास्क बांटे जा रहे थे। श्री राठी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम, चिकित्सा विभाग की टीम के अलावा पुलिस और प्रशासन की टीम में भी जगह-जगह तैनात थीं जो लोगों को जरूरत के अनुसार उनकी सहायता कर रही थी। एनडीआरएफ की टीम में 2 दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं ने अपना प्राथमिक जांच कराकर दवाएं भी निशुल्क प्राप्त की। वही एनाउंस सिस्टम के माध्यम से श्रद्धालुओं को उचित मार्गदर्शन भी दिया जा रहा था। मैदागिन से गोदौलिया नो व्हीकल जोन होने की वजह से कोई भी वाहन मंदिर की तरफ नहीं जा रहा था इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने दोनों मार्गों पर ई-रिक्शा लगाए थे जहां से वृद्धों, दिव्यांगों को ई रिक्शा के माध्यम से मंदिर पहुंचाने व ले जाने का कार्य किया जा रहा था। मुख्य कार्यपालक श्री गौरांग राठी ने बताया कि सुबह मंदिर खुलने से लेकर रात में मंदिर के कपाट बंद होने तक लगभग 10 से 12 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया था।