पुलिस की इकाइयों को 17 करोड़ 90 लाख रूपये की धनराषि उपलब्ध करायी जा चुकी है-अवनीश कुमार अवस्थी
लखनऊ ।कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियो द्वारा कोरोना वाॅरीयर्स के रूप में अभूतपूर्व परिश्रम कर जहां एक ओर नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराया गया वहीं उनके द्वारा मानवता की सेवा की भी नयी मिशाल पेश की गयी है। पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलो में की गई मानवता की सेवा संबंधी अनेक उदाहरण सामने आये है उनमें से एक है मेरठ का मामला।
मेरठ जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र में पुलिस द्वारा लाॅकडाउन के दौरान प्रतिदिन 01 हजार फूड पैकेट तैयार कराकर ऐसे जरूरतमंद व बेसहारा लोगों को पहुचाये गये जिनके द्वारा पुलिस से टेलीफोन पर खाने की मदद मांगी गई थी। पुलिस की इस कार्यवाही की प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में भी चर्चा की गई तथा इसका वीडियो भी दिखाया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हुई उक्त कार्यवाही उनके निर्देशन व सघन अनुश्रवण से संभव हो सकी है। शासन द्वारा भी इन पुलिस कर्मियों की सुरक्षा हेतु जरूरी सामग्री एवं उपकरण आदि प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराये गये, ताकि वे विषम परिस्थितियों में भी पूर्ण मनोयोग, दृढ़ता एवं संवेदनषीलता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा विभिन्न जनपदों एवं पुलिस की इकाइयों को 17 करोड़ 90 लाख रूपये की धनराषि उपलब्ध करायी जा चुकी है। इस धनराषि के माध्यम से कोरोना संक्रमण काल के दौरान ड्यूटी पर कार्यरत् पुलिस कर्मियों को सुरक्षात्मक उपकरण मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट उपलब्ध कराने तथा समुचित सफाई की व्यवस्था सुनिष्चित की गई है। इसके अलावा हाॅट-स्पाॅट एवं कन्टेनमेन्ट जोन में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को समस्त सुरक्षात्मक मेडिकल किट भी उपलब्ध करायी गई है।
पुलिस महानिदेशक एच0सी0 अवस्थी से मिली उक्त जानकारी में बताया गया है कि पुलिस की सक्रियता एवं तत्परता के फलस्वरूप बड़ी संख्या मंे दूसरे प्रदेषों से श्रमिकों के आगमन के दौरान सतत् निगरानी एवं समुचित व्यवस्था कर सुनिष्चित कराया गया कि कही पर भी कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न होने पाये। जहां एक ओर स्थानीय पुलिस ने श्रमिकों के आवागमन के दौरान उनको भोजन और चिकित्सीय सुविधा आदि उपलब्ध कराने में मदद की वहीं दूसरी ओर राजकीय रेलवे पुलिस ने भी स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर श्रमिकों के आवागमन की हर संभव व्यवस्था सुनिष्चित कर उनकी मदद के प्रयास किये।
कोरोना वाॅरीयर्स के रूप में जहां एक ओर पुलिस कर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया है वहीं पुलिस अधिकारियों की पत्नियों की संस्था वामा सारथी द्वारा जनपदों की पुलिस लाइन में स्थित महिला कल्याण केन्द्र के माध्यम से पुलिस वालों के लिए मास्क एवं शील्ड का निर्माण भी किया गया।
पुलिस कर्मियों द्वारा इस दौरान अत्यन्त लगन व निष्ठा से कार्य करते हुए जहां एक ओर लाॅकडाउन के नियमों का पालन सुनिष्चित कराया गया वही पीड़ितों की सेवा व सहायता कर मानवता की एक नयी मिषाल पेश करते हुए पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर प्रस्तुत कर जन-सामान्य के दिलों में जगह भी बनायी गयी।
लाॅकडाउन लागू होने के प्रारम्भिक चरण में पुलिस रिस्पाॅन्स वेहिकल(पी0आर0वी0) द्वारा लगभग 50 हजार जरूरतमंद व्यक्तियों को दवाएं, 2 लाख जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य पदार्थ एवं अन्य आवष्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई साथ ही जरूरतमंद लोगों को प्राथमिक उपचार हेतु भी सहायता उपलब्ध कराई गई।
लाॅकडाउन के दौरान 3554 ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मी जो अपने तैनाती स्थल पर नही पहुच सके थे उनके द्वारा गृह जनपद की पुलिस लाइन में आमद कर वहां से शासकीय कार्यो का निर्वहन किया गया। गोरखपुर पुलिस द्वारा लाॅकडाउन के दौरान जरूरतमंद व असहाय व्यक्तियों को 80 हजार से अधिक लंच पैकेट, 1 हजार से अधिक खाद्य सामग्री, 20 हजार से अधिक मास्क व 5 हजार लीटर सेनेटाइजर वितरित किया गया।