प्रदेश में कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में इसकी टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी-सीएम
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की कुल क्षमता को बढ़ाकर 01 लाख से अधिक करने तथा कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता के 10 हजार पार करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य में कोविड अस्पतालों एवं अन्य चिकित्सा सुविधाओं को और सुदृढ़ किए जाने के साथ ही, कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता को 15 जून, 2020 तक बढ़ाकर 15 हजार किए जाने तथा इस माह के अन्त तक बढ़ाकर 20 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर जनपद में एल-1 और एल-2 कोविड अस्पताल उपलब्ध हैं। एल-1 कोविड अस्पतालों में सामान्य बेड के साथ ही, आॅक्सीजन आपूर्ति की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं। इसी प्रकार एल-2 कोविड अस्पतालों में आॅक्सीजन युक्त बेड के साथ ही, वेंटीलेटर की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 के प्रथम सप्ताह में जब प्रदेश में कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में इसकी टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी। केन्द्र सरकार के सहयोग से वर्तमान में प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता को विकसित कर 10 हजार से अधिक कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जून, 2020 से रेल सेवा प्रारम्भ होने के कारण रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की समुचित स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने स्क्रीनिंग हेतु रेलवे स्टेशनों पर आवश्यक रूप से प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की ओर से रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आने वाले कामगारों/श्रमिकों को ऐसे हैण्डबिल उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए, जिसमें कोरोना वायरस कोविड-19 के विषय में बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताया गया हो, जिससे इन कामगारों/श्रमिकों को कोरोना वायरस कोविड-19 के सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानी की पहले से ही जानकारी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जून, 2020 से खाद्यान्न वितरण का अगला चरण प्रारम्भ हो रहा है। इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां समय से ही पूरी कर ली जाएं। गोदाम से राशन की दुकान तक खाद्यान्न की सप्लाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए। इसके लिए जी0पी0एस0 प्रणाली का प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित ढंग से खाद्यान्न की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध हो जाए। प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। जरूरतमंद परिवारों के राशन कार्ड तेजी से बनवाए जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राशन वितरण में घटतौली अथवा किसी अन्य प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए। खाद्यान्न वितरण के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों यथा सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पूर्ण पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों को सतत् सक्रिय बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि इन समितियों के क्रियाशील बने रहने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है। उन्होंने निगरानी समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाए रखते हुए उनके द्वारा किए जा रहे सर्विलांस आदि कार्यों के फीडबैक लेने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा सघन एवं नियमित पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए। उन्होंने सेनिटाइजेशन कार्य को निरन्तर संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने आकाशीय बिजली आदि आपदाओं से होने वाली जनहानि, पशुहानि को रोकने के लिए तकनीक के प्रयोग पर बल दिया। इस सम्बन्ध में राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एस0डी0एम0ए0) को पूरी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग से आकाशीय बिजली आदि से होने वाली जन व पशु हानियों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एस0डी0एम0ए0) द्वारा तकनीक का प्रयोग करते हुए इन हानियों की आशंका के सम्बन्ध में एलर्ट जारी किया जाए।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निराश्रित व्यक्तियों को ग्राम प्रधान निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हो, उसे खाद्यान्न के लिए ग्राम प्रधान निधि से 01 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की स्थिति में, उसके आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित नहीं होने पर, तात्कालिक सहायता के रूप में ग्राम प्रधान निधि से 02 हजार रुपए प्रदान किए जाएं। इसी प्रकार किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए गा्रम प्रधान निधि से 05 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य लोेगों के प्रशिक्षण में तेजी लायी जाए। प्रशिक्षण का कार्यक्रम सर्वाधिक महत्वपूर्ण कायों मंे से है। इसलिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्यक्रम निरन्तर संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि सामान्य व्यक्ति के लिए इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर की रेंज कितनी होनी चाहिए, इसकी जानकारी पैरामेडिकल स्टाफ को दी जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को कोविड व नाॅन कोविड अस्पतालों से संवाद बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में डाॅक्टर नियमित राउण्ड लें। चिकित्सालयों में साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था के साथ-साथ बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। सभी जनपदों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, थ्री-लेयर मास्क, ग्लव्स, सेनिटाइजर आदि मेडिकल सुरक्षा सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता रहे। इन चीजों की कोई कमी नहीं है। चिकित्सालयों में आॅक्सीजन की सुचारु उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड अस्पतालों में 01 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर ली गई है, जो देश में सर्वाधिक है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल तथा संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, एस0डी0एम0ए0 के उपाध्यक्ष ले0 जनरल (से0नि0) आर0पी0 साही, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।