शक्तिनगर सोनभद्र। एनटीपीसी-सिंगरौली के कर्मचारियों की संस्था मिशन-शक्ति द्वारा रेलवे स्टेशन के समीप दक्षिण बाजू में अस्थायी तौर पर स्थापित झोपडियां भरी दोपहरी में पूरी तरह जल गयी । इस आग जनी के कारण बस्ती के रहवासियों के घरेलू सर-सामान , बर्तन,कपड़े, विछावन आदि पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गये । इस संबंध में सहयोग की अपेक्षा रखी गयी थी , जिस पर तत्काल निर्णय लेते हुए मिशन-शक्ति के पदाधिकारियों ने बर्तनों की किट एवं सोने के लिए प्रति परिवार दो-दो चढ़ाई बतौर सहयोग उपलब्ध कराया गया । बताते चले कि बर्तन किट एवं चटाई पहुॅचाने के वक्त मिशन-शक्ति के पदाधिकारियों ने स्वविवेक के आधार पर सभी प्रभावितों के लिए रात्री के लिए तैयार भोजन पैकट भोजन उपलब्ध कराया गया । बताते चले कि अगलगी के दिन से प्रभावितों द्वारा अपनी स्वयं की रसोई आरंभ किये जाने तक लगातार भोजन का प्रबंध विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं खास तौर से मिशन-शक्ति द्वारा समय पर उपलब्ध कराया जाता रहा है। दृष्टव्य हो कि जहां यह आग लगी की घटना हुई है वहां पूरी तरह से आर्थिक कमजोर तबका, मेहनत मजदूरी के द्वारा अपनी आजीविका चलाने वाले लोग रहा करते है, इसे ध्यान में रखते हुए विद्युत विहार आवासीय टाउनशिप के रहवासियों से इस संबंध में एक अपील जारी कर वस्त्रों का संग्रह और पुनः छटाई बच्चों के कपड़े अलग, महिलाओं के वस्त्र अलग, पुरूषों के कपड़ा का अलग-अलग बंडल तैयार कर प्रभावितों को दिया गया इस प्रकार एक सप्ताह के अर्न्तगत उनकी गृहस्थी की गाडी आरंभ हो चुकी है । इस कार्य का मार्गदर्षन परषोत्तम लाल द्वारा किया गया । बर्तन एवं कपड़ों की खेप पहुॅचाने में आदेश कुमार पांडेय, एस.के.सिंह,महामंत्री एचएमएस, व्यापार मंडल की ओर से सुभाष पटेल सहित मिशन -शक्ति के कई पदाधिकारी प्रभुनाथ, तेज प्रताप मिश्रा, गौरव मेहता, रंजीत कुशवाहा हाजिर रहे तथा राहत कार्य में अपना योगदान प्रदान किया । ज्ञातव्य हो कि मिशन-शक्ति की स्थापना कोविड-19 के दौरान गरीब तबके की मदद के मकसद से सिगरौली के कर्मचारियों ने किया था । एक समय एवं स्वयं सहायता से संचालित यह संस्था लॉक डाउन के दौरान निर्धन तबके की मदद के साथ आपात काल में सेवा सहायता के कार्यो को पूरी निष्ठा एवं प्रभावितों के प्रति सम्मान भाव से अजांम दे रही है । अपने कार्यो के प्रति उत्ताह के कारण संस्था का कार्य क्षेत्र बढ़ता जा रहा है वहीं इसकी लोकप्रियता में पंख लग रहे हैं ।