कृषिकीय भूमि पर बाढ़ से एकत्रित उपखनिजों बालू/मोरम के अनुज्ञा पत्र शीघ्र से शीघ्र जारी किये जायें-रोशन जैकब

लखनऊ।सचिव एवं निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उ0प्र0, डाॅ0 रोशन जैकब ने सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह कृषिकीय भूमि पर बाढ़ से एकत्रित उपखनिजों बालू/मोरम के अनुज्ञा पत्र शीघ्र से शीघ्र जारी किये जायें। इससे जहां खनन से राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं कृषिकीय भूमिधरों का हितलाभ भी प्रभावित नहीं होगा।
डाॅ0 रोशन जैकब ने बताया कि उत्तर प्रदेश खनिज परिहार नियमावली-1963 के नियम-52(क) के अन्तर्गत कृषिकीय भूमि पर बाढ़ के कारण बालू/मोरम आदि को हटाये जाने हेतु रायल्टी के दो गुना के आधार पर अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किये जाने का प्राविधान है। इस सम्बन्ध में पूर्व में ही यह निर्देश दिये गये हैं कि कृषि भूमि पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर नियमानुसार जांच कर निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा प्रतिमाह प्राप्त स्वीकृत/अस्वीकृत/निर्गत अनुज्ञा पत्र की रिपोर्ट प्रत्येक माह की 05 तारीख तक खनन निदेशालय को उपलब्ध करायी जाय।
डाॅ0 रोशन जैकब ने बताया कि कतिपय जनपदों में इस तरह के कुछ आवेदन पत्र लम्बित हैं, जिन्हे तत्काल निस्तारित किया जाना आवश्यक है। डाॅ0 जैकब ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण उपखनिज बालू/मोरम की मांग एवं आपूर्ति कम हो गयी थी, वर्तमान में शासकीय निर्माण कार्यों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गये हैं, जिसके कारण उपखनिज बालू/मोरम की मांग में वृद्धि हुयी है। मांग के सापेक्ष आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने एवं जनसामान्य को सुलभ एवं सस्ते दर पर बालू/मोरम उपलब्ध कराने हेतु अधिकाधिक संख्या में खनन अनुज्ञा पत्र/खनन परिहार स्वीकृत किया जाना आवश्यक है।
डाॅ0 रोशन जैकब ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि कृषिकीय भूमि पर बाढ़ से एकत्रित उपखनिजों के अनुज्ञा पत्र जारी करने हेतु 14 जनपदों के 29 आवेदन पत्र अभी लम्बित हैं, इसमें शामली, सहारनपुर में 4-4, कुशीनगर में 8, गोण्डा व मिर्जापुर में 2-2 तथा सीतापुर, श्रावस्ती, सन्तकबीर नगर, बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, रामपुर, महाराजगंज व बागपत में 1-1 आवेदन पत्र अभी लम्बित हैं। इस सम्बन्ध में डाॅ0 रोशन जैकब ने सम्बन्धित जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह लम्बित आवेदन पत्रों का नियमानुसार शीघ्र से शीघ्र निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में उन्होने जनपदीय ज्येष्ठ खान अधिकारीयों/खान अधिकारीयों/खान निरीक्षकों को भी निर्देश दिये हैं कि वह प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।
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