मुख्य सचिव ने घरेलू उड़ानों के प्रारम्भ होने पर एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों हेतु प्रोटोकॉल से सम्बंधित निर्देश दिये

संजय द्विवेदी
लखनऊ।सूबे के मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी ने समस्त जिलाधिकारी, समस्त निदेशक, एयरपोर्ट उ0प्र0 के अन्तर्गत, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, उत्तर प्रदेश को घरेलू उड़ानों के प्रारम्भ होने पर एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों हेतु प्रोटोकॉल से सम्बंधित निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिनांक 25 मई 2020 से घरेलू उड़ानों का परिचालन प्रारम्भ हो रहा है। उक्त के अनुकम में प्रदेश के हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले समस्त यात्री हवाई अड्डे से बाहर निकलने से पहले लिंक पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करेगें। यह लिंक हवाई अड्डे पर विभिन्न स्थानों पर प्रमुखता से दिखाया जाएगा और उद्घोषणा के माध्यम से यात्रियों को सूचित किया जाए। उन्होने कहा कि प्रत्येक यात्री को अपने मोबाइल फोन में आए ओ०टी०पी० का उपयोग करते हुये स्वयं और साथ में यात्रा कर रहे परिवार के सदस्यों का विवरण निर्धारित प्रारूप में दर्ज करके पंजीकरण किया जायेगा। पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एस०एम०एस० भेजा जाएगा और एक पी0डी0एफ0 उनके मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी, जिसे ई-मेल के माध्यम से भी भेजा जा सकता है। यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति देने से पहले एयरपोर्ट सुरक्षा द्वारा इस एसएमएस या पीडीएफ की अनिवार्य रूप से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजीकरण में कठिनाई होने पर यात्री 1800-180-5145 पर फोन कर सम्पर्क करें। हवाई अड्डे पर सी0आई०एस०एफ० दल द्वारा सफल पंजीकरण डिस्पले की जांच करने के उपरान्त ही यात्रियों को हवाई अड्डे के परिसर से बाहर जाने की अनुमति दी जायेगी। यह कार्य सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुये सुनिश्चित किया जाएगा। डिस्पले की जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी यात्री नो-कान्टेक्ट प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी यात्रियों को सलाह दी जाए कि वे हर समय सोशल डिस्टेंसिंग/हैंड वाशिंग उपायों का कड़ाई से पालन करें तथा मास्क/फेस कवर पहनें। किसी भी परिस्थिति में समूह में एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी। जो यात्री उत्तर प्रदेश छोड़ने की योजना नहीं बना रहे हैं उन्हे 14 दिनों की अवधि के लिए होम क्वारेन्टाइन किया जाएगा। इन यात्रियों को होम क्वारेन्टाईन के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। घर के बाहर पोस्टर चिपकाने सहित होम-क्वारेन्टाईन के बारे में पूर्व में जारी दिशा-निर्देश, मोहल्ला निगरानी समिति और ग्राम निगरानी समिति द्वारा सामुदायिक निगरानी-तंत्र लागू होगें। श्री तिवारी ने कहा कि स्थानीय जिला प्रशासन इन्हें किसी कार्यालय में योगदान करने अथवा अन्य महत्वपूर्ण कार्य हेतु जॉच के पश्चात होम-क्वारेन्टाइन में छूट देने हेतु अधिकृत होगा। आगमन के 6वें दिन आगन्तुक के द्वारा अपना परीक्षण कराया जा सकेगा तथा निगेटिव आने पर होम-क्वारेन्टाइन समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास अपने घर में होम-क्वारेन्टाइन की पर्याप्त व्यवस्था न हो तो उसे इन्स्टीट्यूशनल क्वारेन्टाइन में रखा जाएगा। जो यात्री अल्प अवधि के लिए प्रदेश में आ रहे हैं तथा यहाँ से किसी अन्य स्थान को जा रहे हैं अथवा वापस जा रहे हैं तो उन्हें अगली/वापसी की यात्रा का विवरण उपलब्ध कराना होगा। इन्हें क्वारेन्टाइन में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे यात्रियों को हॉट-स्पॉट के कन्टेनमेंट जोन में जाने की अनुमति नहीं होगी। यदि वापस आने वाले आगंतुक का प्रवास किसी आवासीय परिसर के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर प्रस्तावित है तो उक्त स्थान के प्रभारी के द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों की सूचना सम्बन्धित जिला प्रशासन का उपलब्ध कराएंगे। प्रभारी द्वारा ऐसे स्थान का नियमित रूप से सेनीटाइजेशन सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि यात्री में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस फूलने जैसे लक्षण विकसित होने की स्थिति में इसकी सूचना टोल फ्री नम्बर-1800-180-5145 पर दी जाएगी या स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से सम्पर्क किया जाएगा। पंजीकरण से संबन्धित डाटा/सूचना को आवश्यक निगरानी एवं अनुश्रवण हेतु जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ दैनिक आधार पर साझा किया जायेगा।

Translate »