संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लाॅकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की सफलता के लिए प्रत्येक स्तर पर सतर्क एवं सावधान रहना आवश्यक है। उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पुलिस को प्रभावी पेट्रोलिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि बाॅर्डर क्षेत्र के साथ-साथ हाईवे तथा एक्सप्रेस-वे पर नियमित पेट्रोलिंग से दुर्घटनाओं को रोकने में बड़ी मदद मिलती है। उन्होंने बाजारों में फुट पेट्रोलिंग की उपयोगिता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी इलाकों में यातायात प्रबन्धन चुस्त-दुरुस्त रखा जाए तथा ग्रामीण इलाकों में भी सघन पेट्रोलिंग की जाए। उन्होंने कन्टेन्टमेन्ट जोन में होम डिलीवरी व्यवस्था को सुचारू ढंग से संचालित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सकुशल वापसी के साथ ही उन्होंने क्वारंटीन सेण्टर में सुरक्षित ले जाएं। थर्मल स्कैनिंग के पश्चात जो स्वस्थ हों उन्हें खाद्यान्न पैकेट देकर होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाए। जिनमें लक्षण दिखायी दें उन्हें क्वारंटीन सेण्टर अथवा आइसोलेशन वाॅर्ड भेजा जाए। उन्होंने कहा कि अब तक 20 लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिक उत्तर प्रदेश में सकुशल वापस आये हैं। इनकी संख्या को देखते हुए प्रत्येक क्वारंटीन सेण्टर में अल्ट्रा रेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को 15 दिन के खाद्यान्न किट के साथ-साथ उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए उनका राशन कार्ड बनवाया जाए। होम क्वारंटीन के दौरान इन्हें 1000 रुपये का भरण पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की क्वारंटीन सेण्टर में स्किल मैपिंग की जाए। होम क्वारंटीन पूरा करने के साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग को हर जरूरतमन्द को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने में योगदान देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए। इन समितियों के सदस्यों से सी0एम0 हेल्पलाइन के माध्यम से संवाद स्थापित करते हुए इनके सर्विलांस कार्य की जानकारी प्राप्त की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नियमित संवाद से व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके दृष्टिगत प्रत्येक जनपद के लिए एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को नामित किया जाए। यह अधिकारी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के होंगे। यह समस्त अधिकारीगण जिलों में तैनात अधिकारियों से संवाद कायम करते हुए उनका मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि नामित किए जाने वाले 75 वरिष्ठ अधिकारी सम्बन्धित जनपद में एक सप्ताह कैम्प कर स्थिति की मौके पर समीक्षा करते हुए स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। उन्होंने इस कार्य में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही वन सेवा तथा वाणिज्यकर विभाग के योग्य अधिकारियों की भी सेवाएं प्राप्त करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि सभी कोविड चिकित्सालयों का नियमित निरीक्षण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन अस्पतालों में तैनात चिकित्सक नियमित तौर पर राउण्ड लेते रहें। वेंटीलेटरों के संचालन हेतु एनेस्थेसीओलाॅजिस्ट व तकनीकी कर्मियों को नामित करते हुए इनकी सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता को 10 हजार टेस्ट प्रतिदिन तक पहुंचाने के साथ ही प्रत्येक जनपद में एक वायरोलाॅजी लैब स्थापित करने की कार्ययोजना को तत्काल आगे बढ़ाया जाए। मेडिकल संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी उपायों का प्रत्येक दशा में पालन करते हुए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को सतत् जारी रखा जाए। कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को मेडिकल टीम के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी पूरे प्रदेश में गेहूं क्रय व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करते हुए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में योगदान दें। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज की व्यवस्थाओं के क्रम में कृषि विभाग विकास खण्ड स्तर पर खाद्यान्न की भण्डारण क्षमता सृजित करने के लिए कार्य करे। ब्लाॅक स्तर पर खाद्यान्न की भण्डारण सुविधा उपलब्ध हो जाने से किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि खनन कार्य नियमानुसार सम्पादित किया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल तथा श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।