नोवेल कोरोना वायरस का कहर जारी है देश में  अब तक 52 हजार से अधिक कोरेना पॉजिटिव पाये गये

नई दिल्ली।नोवेल कोरोना वायरस का कहर जारी है देश में अब तक 52 हजार से अधिक कोरेना पॉजिटिव पाये गये है।दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा 448 संक्रमित बढ़े, इनमें आईटीबीपी के 37 जवान भी शामिल।बताते चले कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 56 हजार 351 हो गई है। गुरुवार को महाराष्ट्र में 1216, गुजरात में 388, तमिलनाडु में 580, पंजाब में 118, राजस्थान में 110, मध्यप्रदेश में 114, उत्तरप्रदेश में 73 समेत 3344 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा 448 संक्रमित बढ़े हैं। इनमें आईटीबीपी के 37 जवान शामिल हैं। अब तक कुल 82 आईटीबीपी जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कुल 52 हजार 952 संक्रमित हैं। 35 हजार 902 का इलाज चल रहा है। 15 हजार 2066 ठीक हो चुके हैं, जबकि 1783 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि गुरुवार सुबह तक 24 घंटे में 3561 संक्रमित मिले। केरल, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर समेत 13 राज्यों में कोई नया मामला सामने नहीं आया। दूसरे देशों के मुकाबले भारत में मृत्युदर (3.3%) कम है। रिकवरी रेट बढ़कर 28.83% हो गई है।वही दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि जून और जुलाई महीने में कोरोना संक्रमण चरम पर पहुंच सकता है। मौजूदा डाटा और जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं, उनके हिसाब से संक्रमण बढ़ने का खतरा है। हालांकि इसे प्रभावित करने वाले कई फैक्टर हैं। वक्त बीतने पर ही हम यह जान सकते हैं कि यह फैक्टर कितने प्रभावी हैं और लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने से क्या फायदा हुआ।इलाज में गंगाजल के इस्तेमाल पर रिसर्च नहीं होगी
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने गंगाजल के क्लीनिकल ट्रायल का प्रस्ताव दिया है। इसमें गंगाजल से वायरस खत्म होने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुणों पर अध्ययन की मांग की गई। इस पर आईसीएमआर ने साफ किया कि अभी वह गंगाजल को लेकर कोई रिसर्च नहीं करेगा। अभी उपलब्ध आंकड़े इतने पुख्ता नहीं हैं कि कोरोना के इलाज के लिए गंगाजल को लेकर क्लीनिकल रिसर्च की जाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों और अधिक जोखिम वाले इलाकों में काम कर रहे लोगों पर अश्वगंधा, यष्टिमधु, पीपली और आयुष-64 जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। अभी तक अस्पतालों और अधिक जोखिम वाले इलाकों में काम कर रहे कई कोरोना वॉरियर्स को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट दी जा रही है।

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