औद्योगिक इकाइयों में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए
कोरोना की रोकथाम के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी
दिशा निर्देशों का अनुपालन अवश्य किया जाए
सप्लाई चेन का प्रभावी संचालन बनाये रखते हुए होम डिलीवरी में लगे
लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए, किसी भी हाल में कहीं कोई भीड़ इकट्ठा न हो:एसीएस गृह
प्रदेश के कुल 28.18 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को एक-एक हजार रूपए की धनराशि का किया गया भुगतान- अवनीश कुमार अवस्थी
प्रदेश में अब तक 289 लोग उपचारित होकर हुए डिस्चार्ज प्रदेश में कोरोना के 1525 मामले एक्टिव
-अमित मोहन प्रसाद
संजय द्विवेदी
लखनऊ।अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये है कि कोरोना के उपचार में लगी डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स तथा अन्य स्टाफ की टीम को हर हाल में मेडिकल इन्फेक्शन से बचाया जाए। कोरोना से जंग में मेडिकल टीम को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही अस्पतालों की साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए लगातार सेनेटाइजेशन किया जाए। उन्होंने मेडिकल इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए गठित की गयी डेडीकेटेड टीम को कोरोना के इलाज में लगे सभी कर्मियों की लगातार निगरानी के निर्देश दिये। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि पूल टेस्ट के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की जांच करके कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हैं कि अस्पतालों में मौजूद कोरोना से सम्बन्धित तथा अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित डिस्पोजल किया जाये तथा सभी अस्पतालों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोरोना मरीजों का इलाज कोविड अस्पतालों में ही किया जाए तथा कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न की जाएं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में निवासरत उत्तर प्रदेशवासियों को क्वारंटीन अवधि पूरी होने के उपरान्त चरणबद्ध तरीके से प्रदेश वापस लाने के निर्देश दिये। सभी 19 संवेदनशील जनपदों के नोडल अधिकारियों से फीड बैक लेने और कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण करने के भी निर्देश दिये। लाॅकडाउन के दौरान जिन औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति दी गयी है, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। यह भी देखा जाए की इन इकाइयों में कोरोना की रोकथाम के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को अनुपालन अवश्य हो।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने सप्लाई चेन का प्रभावी संचालन बनाये रखते हुए होम डिलीवरी में लगे व्यक्तियों की लगातार निगरानी और जांच करने के निर्देश दिये हैं। ताकि इनसे कोरोना संक्रमण फैलने न पाये। उन्होंने वाॅलेन्टियर्स की टीम गठित कर लोगों को कोरोना के विषय में जागरूक करने के साथ-साथ शेल्टर होम्स में नियमित साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन के भी निर्देश दिये हैं। पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए, किसी भी हाल में कहीं कोई भीड़ इकट्ठा न हो। पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए और सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि 30 जून, 2020 तक कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव राजस्व को कम्युनिटी किचन की तरह ही शेल्टर होम्स की भी जियो टैगिंग कराने के निर्देश देते हुए कहा है कि क्वारंटीन में रखे गये लोगों के नाम, पते, मोबाइल नम्बर संकलित करते हुए इन्हें आरोग्य सेतु एप से जोड़ा जाए। लेन-देन के लिए रुपे कार्ड तथा अन्य इलेक्ट्राॅनिक माध्यम को बढ़ावा दिया जाए। सभी ग्रामीण सेवाओं को मुहैया कराने के लिए ग्राहक सेवा केन्द्र (सी0एस0सी0) की तर्ज पर व्यवस्था बनायी जाए, जिससे बैंकों में होेने वाली भीड़ को कम किया जा सके। बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण श्रमिकों को रोजगार मिलने में कोई असुविधा न हो। रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिये गये है। प्रदेश के हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों को छोड़कर वर्तमान में 7207 औद्योगिक इकाईयों को क्रियाशील किया गया है, जिनमें लगभग 1.30 लाख श्रमिक कार्यरत है। यूपीडा द्वारा 11,200 करोड़ रुपये की पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना पर 4975 श्रमिक, 8950 करोड़ की बन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना में 4481 श्रमिक व 3,000 करोड़ रुपये की गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना में 488 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग की 140 करोड़ रुपये की लागत से 73 परियोजनाएं प्रारम्भ हो गयी है, जिसमें लगभग 985 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। लघु सिंचाई के अन्तर्गत 84 डैम सम्बन्धी कार्य एवं 96 तालाब सम्बन्धी कार्य तथा 44 पाइप वाटर स्कीम एवं 8 एस0टी0पी0 का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 12,171 करोड़ रुपये की लागत के 183 कार्यों को प्रारम्भ किया गया है, जिसमें 4345 श्रमिक कार्यरत है। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति की 27 परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। 31,402 कामन सर्विस सेन्टर में 62804 व्यक्ति कार्यरत है। प्रदेश में कार्यशील 12,027 ईंट-भट्ठों पर 5,72,966 श्रमिक कार्यरत हैं। मनरेगा के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 24,567 ग्राम पंचायतों में संचालित परियोजनाओं में 6,25,361 अकुशल श्रमिक कार्यरत है।
श्री अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 30,931 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 25,14,908 वाहनो की सघन चेकिंग में 31,658 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 12,11,60,032 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 1,81,633 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 687 लोगों के खिलाफ 546 एफआईआर दर्ज करते हुए 242 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 402 हाॅटस्पाॅट क्षेत्र के 36,53,847 लोगों को चिन्हित किया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के 5445 क्रय केन्द्र के माध्यम से लगभग 3.67 लाख मी0 टन गेहूँ की खरीद की जा चुकी है। प्रदेश में प्रचलित कुल 3,55,27,928 राशन कार्डो के सापेक्ष लगभग 3,20,52,186 कार्डो पर खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया गया है। प्रदेश में 703 सरकारी तथा 1237 स्वैच्छिक कम्यूनिटी किचन के माध्यम से 12,30,924 फूड पैकेट्स वितरित किये गये हैं। डोर-स्टेप-डिलीवरी व्यवस्था के अन्तर्गत 21,901 किराना स्टोर क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से 51,024 डिलीवरी मैन आवश्यक सामग्री निरंतर पहुंचा रहे हैं। फल एवं सब्जी वितरण व्यवस्था के अन्तर्गत कुल 44,160 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में कुल
57.56 लाख लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष 36.82 लाख लीटर दूध का वितरण 22,782 डिलीवरी वैन के माध्यम से किया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के कुल
28.18 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि की दर से 281.80 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 46,381 औद्योगिक इकाईयों से सम्पर्क किया गया, जिनमें 42,374 इकाईयों द्वारा अपने श्रमिकों को लगभग 597.84 करोड़ रुपये के वेतन का भुगतान किया जा चुका है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 58 जिलों से अब तक 1843 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 48 जनपदों में 1525 मामले एक्टिव हैं। प्रदेश के 17 जनपदों में कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है तथा वर्तमान में 10 जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गये हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 289 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक लगभग 56 हजार लोगों के सैम्पल टेस्ट किये गये हैं। 1601 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में तथा 11,715 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना पाॅजिटिव पाये गये लोगों में 79.15 प्रतिशत पुरूष जबकि 20.85 प्रतिशत महिलाएं कोरोना पाॅजिटिव पायी गयी है।