लखनऊ, 3 मार्च 2020। आज़म खान के बहनोई ज़मीर खान के इस बयान पर कि आज़म खान ने उनसे मुलाक़ात में कहा है कि सपा ने इस बुरे दौर में उनसे किनारा कस लिया है, कांग्रेस ने अखिलेश यादव से स्पष्टीकरण मांगा है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि आजम खान ने अपने साले ज़मीर खान से सपा द्वारा किनाराकशी की जो बात कही है उससे मुस्लिम समाज पहले से वाकिफ़ था। आज आज़म खान ने मुसलमानों के दिल की बात कह दी है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज़म खान ने सपा की जिस तरह पिछले 3 दशक से सेवा की वैसी किसी दूसरे सपा नेता ने नहीं की लेकिन सपा ने आज योगी सरकार द्वारा साम्प्रदायिक द्वेष के कारण फ़र्ज़ी मुक़दमों में जेल भेज दिए जाने के बावजूद उनको अकेला छोड़ दिया है जो सिर्फ़ दुखद ही नहीं बल्कि मुसलमानों के साथ धोखा है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज़म खान को 30 साल की सेवा का ऐसा इनाम देकर सपा ने साफ कर दिया है कि वो मुसलमानों से केवल वोट लेना जानती है उनके साथ खड़ा होना नहीं जानती। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि जब सपा आज़म खान जैसे अपने बड़े नेताओं के साथ नहीं खड़ी हो सकती तो वो फ़र्ज़ी मुक़दमों में फंसाये जाने वाले आम मुसलमानों के साथ कैसे खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सपा ने अब तय कर लिया है उसे भविष्य में खुल कर हिंदुत्व की सेवा करनी है। इसीलिए आज़म खान मामले से पहले अखिलेश यादव अपने संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़ की बिलरियागंज की मुस्लिम महिलाओं के बीच भी अपनी मुस्लिम विरोधी मानसिकता के कारण नहीं गए जिनपर योगी की पुलिस ने नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने पर बर्बर दमन किया था।