जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से श्री शनि स्तुति…….

शनिदेव की कृपा किसी भी इंसान को पल में रंक से राजा बना देती है। वहीं शनिदेव की रुष्टतापल में राजपाठ छिन भी सकती है।
कुंडली में शनि देव का अशुभ प्रभाव होने से धन और स्वास्थयसंबंधी मामलों में तकलीफें उठानी पड़ती हैं।
शनि स्तुति का पाठ शनि ग्रह की पीड़ा के असर को कम करता है। जितनी अधिक श्रद्धा से उपाय किए जाए उतनी ही शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
नमः कृष्णाय नीलाय
शितिकंठनिभाय च।
नमः कालाग्रिरूपाय
कृतान्ताय च वै नमः।। नमो निर्मासदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नमः पुष्कलगात्राय
स्थूलरोम्णे च वै पुनः।
नमो दीर्घाय शुष्काय
कालदष्ट्रं नमोस्तुते।। नमस्ते कोटरक्षाय दुर्निरीक्ष्यायवै नमरू। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय
बलीमुख नमोस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेस्तु
भास्करेअभयदाय।। अधोदृष्टे नमस्तेस्तु संवर्तक नमोस्तुते। नमो मंदगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोस्तुते।।
ज्ञान चक्षुर्नमस्तेस्तु
कश्पात्मजसूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं
रूष्टो हरिस तत्क्षणात्।।
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