अब सीबीआई जांच में मुन्ना बजरंगी की हत्या का राज खुल सकता है।
हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। वारदात के करीब दो साल बाद कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। सीबीआई जांच से जेल में हत्या का सच सामने आ सकता है।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिला कारागार में नौ जुलाई 2018 की सुबह मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। तत्कालीन जेलर ने कुख्यात सुनील राठी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच की और सुनील राठी के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की थी। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। वारदात को लेकर कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब अभी आने बाकी हैं। वारदात में एक पिस्टल का प्रयोग किया गया या दो पिस्टल थीं। हत्या में अकेला सुनील राठी शामिल था या उसके साथी भी थे। जिला कारागार से हत्या के बाद सोशल मीडिया पर फोटो किसने वायरल किए थे। हत्या के बाद कौन लगातार फोटो खींच रहा था। जिला कारागार में पिस्टल कैसे पहुंची थी। सीबीआई जांच के बाद ऐसे ही कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
*ये था पूरा मामला*
बड़ौत से बसपा के पूर्व विधायक एवं वर्तमान में भाजपा नेता लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से साल 2017 में मोबाइल के जरिये रंगदारी मांगी गई थी। पुलिस की जांच में मुन्ना बजरंगी का नाम सामने आया था। इसी मामले में आठ जुलाई 2018 की रात बजरंगी को बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था। यहां नौ जुलाई की सुबह मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी।
*इन पर हुई थी कार्रवाई*
शासन ने शुरुआती जांच के बाद तत्कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, मुख्य बंदी रक्षक अरजिंदर सिंह और माधव कुमार को निलंबित कर दिया था। शासन ने आठ अगस्त 2018 को कानपुर के जेल अधीक्षक को जांच सौंपी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्त कर दिया गया।
*नारायण की हो चुकी मौत,दीक्षित ने जताया था खतरा
भाजपा नेता लोकेश दीक्षित के भाई नारायण दीक्षित की हादसे में मौत हो चुकी है। लोकेश दीक्षित ने मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद खुद की जान को खतरा बताया था।
*बागपत जेल और लाल घेरे में बर्खास्त जेलर उदय प्रताप सिंह*
बागपत जेल और लाल घेरे में
जिन्हें क्लीन चिट मिली, अब सीबीआई के रडार पर
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने सुनील राठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बजरंगी की पत्नी सीमा ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, प्रदीप सिंह पीके, उनके पिता पूर्व डिप्टी एसपी जेएन सिंह, भाई मेराज, विकास सिंह राजा के नाम शामिल थे। पुलिस जांच में इन लोगों को क्लीन चिट मिल चुकी है। सीबीआई अब सीमा सिंह की तहरीर में शामिल लोगों की भी जांच करेगी।