जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शीघ्र विवाह हेतु शिव संबन्धित उपाय ‘….

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शीघ्र विवाह हेतु शिव संबन्धित उपाय ‘….

भारतीय ज्योतिष मे नौ ग्रहों मे से सूर्य, शनि, राहु, और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है।
इन मे राहु तथा शनि विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं।
शनि के प्रभाव से विवाह 28 वर्ष की आयु तक नहीं हो पाता तथा
शनि और राहु साथ मे हो तो समाज की मान्यताओं से कुछ हट कर विवाह होता है , जैसे कि प्रेम विवाह …
इसके इलावा भी कुंडली कुछ योग होते हैं जो विवाह में विलंब का कारण बनते हैं।
शीघ्र विवाह हेतु इन चारों ग्रहों की शांति अति आवश्यक है।

सही आयु मे और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप मे एक बहुत बड़ा सौभाग्य है ,
अन्यथा कही कुंडली नहीं मिलती, तो कही मन व विचार नहीं मिलते या दहेज की समस्या आड़े आ जाती है।
बड़ती आयु के साथ सम्बन्धों का आना भी कम हो जाता है तथा पूरा परिवार चिंतित रहता है।

ग्रहों की अशुभ स्थति इनका प्रमुख कारण होती है जिनका निदान आप ग्रहों के उपाय अर्थात जप , पूजा, दान , व्रत व अन्य वैदिक अनुष्ठान के माध्यम से स्वयं कर व किसी योग्य कर्मकांडी से भी करा सकते है।
इस समस्या के निदान हेतु माँ मंगला गौरी अर्थात माँ पार्वती की आराधना प्रमुख होती है।

” शिव गौरी ” के पूजन से और उनकी कृपा से कोई भी जातक शीघ्र विवाह के बंधन में बंध सकता है।

– शीघ्र विवाह विवाह हेतु घर मे स्फटिक के शिवलिंग की स्थापना करें व नियमित रूप से अभिषेक – पूजा करें।

– विवाह योग्य जातक का शयन , वायव्य कोण ( उत्तर पश्चिम ) मे होना चाहिए।

– श्रावण मास के प्रथम दिन अपने घर के पूजन स्थल पर शिव व गौरी की प्रतिमा को स्थापित करे।
यदि न कर पायें तो श्रावण के किसी भी सोमवार को कर सकते हैं …
ध्यान रहे , कोई भी प्रयोग किसी भी शुभ दिन से आरंभ कर 43 दिन तक करने से ही शुभ फल प्रदान करता है।

– श्रावण मास मे नियमित रूप से शिव व गौरी का पंचोपचार पूजन तथा कुछ भोग अर्पित करें। तत्पश्चात श्वेतार्क पुष्प और बिल्वपत्र अर्पित करें व निम्न मंत्र की एक माला का जप करें –
” हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम् ”

इस उपाय को पूरी श्रृद्धा के साथ करने से विवाह में बाधाएं नहीं आती और शीघ्र विवाह हो जाता है।

– इसी के साथ यदि कोई भी कन्या गोस्वामी तुलसीदास कृत पार्वती मांगल्य का पाठ करती है तो भी विवाह बाधा दूर हो कर एक उच्च वर की प्राप्ति होती है।

– विवाह योग्य लडकी के , सोमवार को पान एवं सुपारी से शिवलिंग का पूजन एवं जल अभिषेक से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

– शीघ्र विवाह के लिए मंत्र –
तुलसी की माला से रामचरित मानस की निम्न चौपाई का राम सीता के चित्र के सामने 108 बार नित्य पाठ करना शीघ्र विवाह के लिए दिव्य प्रयोग है।

” सुनि सिय सत्य असीस हमारी
पूजिहि मन कामना तिहारी ”

– यदि विवाह मे बहुत विलंब हो रहा हो तो मंदिर के प्रांगण में अनार का वृक्ष लगाएं व रोज उसे जल से सीचें।
कच्चा दूध व जल मिला कर प्रतिदिन शिवलिंग पर चढ़ाएं।
प्रतिदिन गाय को चारा या हरा पालक खिलाएं।
उत्तम रिश्ते आने लगेंगे।

– यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ,
भगवान शिव के आगे रख कर “ ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः ” मंत्र का पांच माला जाप करें।
जप के उपरांत पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ,विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जायेंगी।

– शाीघ्र विवाह के लिए कन्या को 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए तथा प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करें,
माँ पार्वती का श्रृंगार करें,
शिव पार्वती के मध्य गठजोड़ बाँधे तथा शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें।
उत्तम विवाह प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जावेगें।

– वर की कामना पूर्ति हेतु कन्या को निम्न मंत्र का शिव-गौरी पूजनकर एक माला का जप करना चाहिए।
’’ ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः ’’

– रामचरित मानस के बालकाण्ड में शिव पार्वती विवाह प्रकरण का नित्य पाठ करने से कन्या का विवाह शीघ्र होता देखा गया है।

– विवाह अभिलाषी लड़का या लड़की शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें तथा शिव लिंग पर ’’ ॐ नमः शिवाय ’’ बोलते हुए 108 श्वेतार्क पुष्प चढ़ावें ,
शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शंकर जी पर 21 बिल्व पत्र चढ़ावें …
यह कम से कम 7 शुक्रवार करें, शीघ्र ही विवाह के प्रस्ताव आने प्रारम्भ हो जायेगें।

– गौरी-शंकर रुद्राक्ष को स्थापित करें।
यह रुद्राक्ष साक्षात मां पार्वती और भगवान शिव का प्रतीक है।
अब इसके सम्मुख निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें और विवाह में आ रही बाधाओं के निवारण और शीघ्र विवाह की प्रार्थना भगवान से करें –
” ॐ कात्यायन्यै नम: ”
जप के पश्चात इसे लाल धागे मे पिरोकर धारण करें।

– प्रत्येक सोमवार को प्रातः नहा-धोकर शिवलिंग पर “ ॐ सोमेश्वराय नमः ” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और
वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करें …
विवाह की सम्भावना प्रबल हो जाएंगी।

श्रावण मास मे आने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत करें और व्रत मे निम्न मंत्रों की 11 -11 माला जप करें।

1 शिव मंत्र – ॐ ह्रं कामदाय वर्प्रियाय नमः शिवाय।

2 मंगलागौरी मंत्र – ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।

3 हनुमान मंत्र – क्रौं बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः।

– एक शिव-पार्वती के विवाह के चित्र को अपने घर में स्थापित करें, जिसमें वो एक दुसरे के साथ वर-माला लेकर खडे हैं , तथा नियमित उनकी अर्चना करें तथा आप उनसे अपने शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
यह प्रयोग भी अत्यंत प्रभावी है।

– विवाह मे आने वाली बाधाओं मे से एक कालसर्पयोग भी है।
कालसर्प दोष के निवारण के लिये नाग पंचमी के दिन शिव की पूजा कर चांदी के नाग का जोड़ा चढ़ाएं और एक जोड़ा चांदी का सर्प बहते जल मे बहाएं।

– शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाए तो भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
हर सोमवार विशेष रूप से श्रावण मास के सोमवार को शिवलिंग का जल या पंचामृत से अभिषेक करें।

– शीघ्र विवाह हेतु: श्रावण के प्रत्येक सोमवार को युवक केसरयुक्त दूध से और युवतियां अनार के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
पूरे श्रावण मास में प्रतिदिन ” ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं “मंत्र का 108 बार जप करें।

– यदि कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो किसी भी गुरूवार के दिन प्रातःकाल नहा धोकर 109 बेसन के लड्डू स्वयं बनाएं।
फिर पीले रंग की टोकरी में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उन लड्डूओं को उसमे रख दें तथा अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दें।
पास के किसी शिव मंदिर में जाकर विवाह हेतु प्रार्थना कर घर आ जाएं।

– विवाह योग्य जातक के विवाह मे विलंब होने पर चांदी की की चैन मे चांदी की ही एक ठोस गोली शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार को सुबह गंगा जल व कच्चे दूध से पवित्र करके, धूप दें तथा
उसके बाद मंदिर में शिवलिंग या शिव-पार्वती के चरणों से छुकाकर निष्ठापूर्वक गले में धारण करें, शिवलिंग पर कुछ दक्षिणा रखें …
इसके बाद गरीबों को कुछ जरूर खिलाएं।

किसी भी उपाय सिद्ध एवं सफल होने मे स्वयं की श्रद्धा और स्वयं का विश्वास ही कारगर है, पूर्ण भक्ति से किए गए उपाय अवश्य ही सफल होते हैं।

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