बहराइच 17 फरवरी। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के कुशल नेतृत्व तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच ईश्वर शरण कन्नौजिया की अध्यक्षता में जिला कारागार बहराइच में विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डिप्टी जेलर अखिलेश कुमार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के कर्मचारीगण मौजूद रहे।
शिविर के दौरान मुख्य अतिथि श्री कन्नौजिया द्वारा सर्वप्रथम संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठन करवाते हुए उसमें उल्लिखित लोकतंत्र के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। इसके अलावा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51क में उल्लिखित 11 मूल कर्तव्यों जिसमें देश की एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण रखने, राष्ट्रध्वज व राष्ट्रगान का सम्मान करना, नारी की गरिमा के विरूद्ध कुप्रथाओं का त्याग करना, पर्यावरण की सुरक्षा, माता-पिता या संरक्षक के लिए 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अवसर प्रदान करने, सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखने एवं हिंसा का परित्याग करने इत्यादि कर्तव्यों को बताया गया जिससे राष्ट्र का विकास हो सके।
अपने सम्बोधन में सचिव श्री कन्नौजिया ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2003 के अन्तर्गत राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीयगान व भारतीय संविधान का अपमान करना एक दण्डनीय अपराध है। देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीयगान व भारतीय संविधान का सम्मान करना चाहिए। प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के अन्तर्गत प्राचीन स्मारक व पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण करना चाहिए तथा उनको क्षति पहुंचाना एक दण्डनीय अपराध है।
श्री कन्नौजिया ने मौजूद बन्दियों को निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान करने के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि छोटे अपराधांे में निरूद्ध बन्दीगण स्वेच्छा से जुर्म स्वीकार करके जेल लोक अदालत व राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।