अनाज सड़ जाने के मुद्दा उठाती है फिल्म ‘गोदाम’


—अनिल बेदाग—


मुंबई : “खाना सब चाहते हैं उगाना कोई नहीं चाहता”, निर्माता सुजीत प्रताप सिंह की अपकमिंग फ़िल्म का शीर्षक है “गोदाम”। बॉलीवुड में इन दिनों सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानियों पर फिल्में बनाई जा रही हैं। अप्रैल में रिलीज होने जा रही है सार्थक सिनेमा के बैनर तले बनी फिल्म ‘गोदाम’ भी रियल इन्सिडेंट्स पर बेस्ड है। निर्माता सुजीत प्रताप सिंह और अक्सर इलाहाबादी- अखिल गौरव सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म गोदाम में हमारे देश और समाज की एक कड़वी सच्चाई को पेश किया गया है। असल में हमारे देश में किसान कितनी मेहनत से फसल उगाते हैं मगर खुद उनकी हालत दयनीय होती है और फिर हमारे यहाँ अनाज को स्टोर करने के लिए गोदाम ज्यादा नहीं हैं जिसकी कमी की वजह से बहुत से अनाज सड़ जाते हैं। यह फिल्म उसी मामले को प्रस्तुत करती है।
गोदाम दरअसल भारत के एक छोटे से गाँव के किसानों की रोज़ की कहानी है। फिल्म किसानों और उनके संघर्षों को सरकारी अधिकारी ‘विकास बाबू’ के दृष्टिकोण से व्यंग्यपूर्ण तरीके से बताती है। 126 मिनट की यह फिल्म 3 अप्रैल 2020 को रिलीज के लिए तैयार है। इस फिल्म को दुनिया भर के कई फिल्म महोत्सवों में दिखाया गया है जहाँ इसकी प्रशंसा हुई और अवार्ड्स मिले हैं। अमेरिका में हुए एक फिल्म फेस्टिवल में इसको बेस्ट पिक्चर और बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड भी मिला है।
अक्सर इलाहाबादी और अखिल गौरव सिंह द्वारा लिखित इस फिल्म का संगीत चेन्नई के टी एस मुरलीधरन ने कम्पोज किया है जबकि इसके गीत अक्सर इलाहाबादी ने लिखे हैं। फिल्म की शूटिंग शंकर गढ़ इलाहाबाद और गाजीपुर में हुई है। फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर अक्षत कुशवाहा और अरुण शुक्ल हैं।

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