जन्म तिथि प्रमाण पत्र में फेरबदल के मामले में बढ़ी मुसीबत
प्रयागराज | समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मोहम्मद आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा व बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में इनके खिलाफ रामपुर की अदालत में चल रहे मुकदमे और चार सीट को रद्द करने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है। चार्जशीट में प्रथम दृष्टया अपराधिक केस बनता हो तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जाएगा। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया अपराध कारित हो रहा हो तो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती ।कोर्ट के इस फैसले से आजम खान के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गौरतलब है कि अब्दुल्लाह आजम खान ने हाईस्कूल ,इंटरमीडिएट बीटेक, एमटेक की शिक्षा हासिल की है। जिनमें 1 जनवरी 1993 जन्म तिथि दर्ज है। 28 जून 2012 को अब्दुल्ला आजम खान की रामपुर नगर पालिका परिषद से जन्म तिथि प्रमाण पत्र बनवाया गया और बदलाव करते हुए 30 सितंबर 1990 जन्मतिथि की गई ।इसे निरस्त कराए बगैर नगर पालिका परिषद लखनऊ से 2015 में दोबारा 30 सितंबर 1990 की जन्म तिथि बनवाई। धोखाधड़ी के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ आकाश सक्सेना ने गंज थाने में एफ आई आर दर्ज कराई है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है इस पर कायम आपराधिक मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई है।
आकाश सक्सेना एक राजनीतिक दल के क्षेत्रीय संयोजक है जिन्होंने अब्दुल्लाह आजम खान पर सवार से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फर्जी जन्म तिथि प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया है पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम रामपुर ने आरोपियों को समन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है सुनवाई के बाद मुकदमा व चार सीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। आजम खा के वकील द्वारा इस मामले को रद्द करने की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी जिसे खारिज किया गया है।