पुलिस को झांसा देकर अपने घर ले गया और वहां से फरार हो गया।
आजमगढ़.। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सहित बडे बड़ों के साथ धोखाधड़ी और करोड़ों की ठगी के मामले में मुंबई में गिरफ्तार आजमगढ़ के मार्टीनगंज ब्लाक का पूर्व ब्लाक प्रमुख ठाकुर मनोज सिंह मंगलवार की सुबह पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। सोमवार को महाराष्ट्र पुलिस ठगी के ही एक अन्य मामले में पेशी के लिए वाराणसी लेकर आई थी। पेशी के बाद मां की बीमारी का बहाना बनाकर पुलिसकर्मियों के साथ वह अपने पैतृक आवास पर गया और पुलिस वालों को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस अभिरक्षा से शातिर ठग के फरार होने की खबर मिलते ही खलबली मच गई। आजमगढ़ पुलिस ने भी उसकी तलाश शुरू कर दी लेकिन देर रात तक कोई सफलता नहीं मिली। दीदारगंज थाने की पुलिस इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस के चारों सिपाहियों से पूछताछ में जुटी है।
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में वाराणसी के शिवपुर निवासी संजय पांडे ने 2015 में मनोज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी गिरफ्तारी नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुआ। इसी दौरान 2017 में करोड़ों की ठगी के मामले में उसे मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया। मुंबई में उसकी गिरफ्तारी की खबर लगी तो संजय पांडे ने अदालत में अर्जी देकर उसे वाराणसी लाने की गुजारिश की। अदालत के निर्देश पर सोमवार को मुंबई की जेल से महाराष्ट्र पुलिस के 6 जवानों की निगरानी में उसे वाराणसी लाकर एसीजेएम की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी।
पुलिस वाले उसे वापस मुंबई ले जाने की तैयारी करने लगे। इस पर उसने मां की बीमारी का झांसा देकर पुलिस वालों को आजमगढ़ स्थित घर चलने को राजी कर लिया। फार्चूनर गाड़ी से चार सिपाहियों के साथ मनोज दीदारगंज के आमगांव स्थित घर आया। घर पहुंचकर अपनी मां से मिला। वापस निकलने की बारी आई तो उसने लघुशंका का इशारा किया और फरार हो गया। उसके फरार होने की जानकारी होते ही पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया।
पुलिसकर्मियों ने दीदारगंज थाने को सूचना दी। पुलिस भी तलाश में जुट गई। एसओ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि चारों सिपाहियों को थाने लाया गया है। किन परिस्थितियों में मनोज यहां लाया गया था, वह कहां गया, आदि बिंदुओं पर चर्चा के बाद उन्हीं से तहरीर लेकर मुकदमा लिखा गया है। मनोज की गिरफ्तारी जल्द ही कर ली जाएगी।