हंडिया तहसील के प्राथमिक विद्यालय राम भरोसे, यहां के शिक्षकों को नहीं पता मुख्यमंत्री का नाम, 1 किलो आलू में बन रहा एक सभी बच्चों का मिड डे मील।

प्रयागराज-लवकुश शर्मा

प्रयागराज के हंडिया तहसील के चार विकास खंडो में कही शिक्षक लॉक बुक पर लिखकर बैंक जाने के बात कह गए तो कहीं बिना बताए सप्ताह भर से विद्यालय छोड़कर गायब हैं।

ऐसी परिस्थितियों में एक ओर शिक्षा व्यवस्था जहां चौपट हो रहा है, वही नन्हे-मुन्ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण हंडिया तहसील के धनुपुर ब्लाक के भूई गांव स्थित मॉडर्न प्राइमरी स्कूल है जिसे सरकार व विभाग द्वारा इंग्लिश मीडियम के रूप में तैयार कर योग्य शिक्षक तैनात किया गया है।

इस विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजेश कुमार सिंह खुद लगभग 11:00 बजे स्कूल पहुंचे इनसे पूछा गया तो वह पेंट लेने के लिए जाने की बात बताया। वहीं विद्यालय के शिक्षक अभय कुमार पटेल बिना कोई सूचना के एक हफ्ते से अनुपस्थित है।विद्यालय कि शिक्षामित्र मालती देवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का भी नाम नहीं बता पाया।सहायक अध्यापक अरविंद कुमार उत्तर प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 25 बताएं। जब ऐसे ही महान शिक्षक तहसील के छात्र छात्राओं को शिक्षा देंगे तो देश कहां तक जाएगा।
वही विद्यालय में शौचालय व्यवस्था जहां पूरी तरह दुर्दशा की ओर है। वहीं विद्यालय में 235 बच्चों का नामांकन किया गया है जबकि मौके पर मात्र 120 बच्चे उपस्थित रहे।मिड डे मील में 5 किलो चावल एक पाव दाल और एक किलो आलू में 120 बच्चों के लिये तहरी बनाई गई थी तहरी में न ही सोयाबीन थे न ही पालक।विद्यालय में 90 फ़ीसदी बच्चों के पैरों में जूता नहीं था जबकि विद्यालय राम भरोसे चल रहे हैं। उक्त विद्यालय में कार्यप्रणाली के चलते जहां विद्यालय में शिक्षारत बच्चों का भविष्य अंधेरे में है वही ऐसे निरंकुश शिक्षकों को लेकर क्षेत्र में गहरा रोष है।
उक्त मामले में खंड शिक्षा अधिकारी धनुपुर अनिल कुमार से पूछने पर बताया कि अभय पटेल के भाई की अचानक तबीयत खराब होने के कारण वेदांता दिल्ली में भाई के साथ गए हुए हैं। मैं छुट्टी चढ़ा कर आया था बाद की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य की बनती है कि वह ऑनलाइन छुट्टी लिये है या नहीं यदि नहीं तो उसकी सूचना विभाग को देनी चाहिए थी। जिस पर कार्रवाई किया जाना निश्चित है वही मेरी शिक्षकों को मुख्यमंत्री का नाम और प्रदेश में कितने जिले हैं पता नहीं तो निश्चित ही कल विद्यालय पहुंचकर जांच कर कार्यवाही किया जाएगा हालांकि कई बार ऐसे शिक्षकों के कार्य प्रणाली की जांच कर कई बार वेतन भी काटा गया लेकिन ऐसे शिक्षकों को शर्म नहीं आता जांच कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई के लिए अग्रसर करूंगा।

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