यूपी के मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

लखनऊ: 21 जनवरी, 2020।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’

क्रियान्वित करने का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ क्रियान्वित किए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे कृषकों (कृषक का तात्पर्य-उ0प्र0 के खातेदार/सहखातेदार कृषक, उनके माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्र-वधु, पौत्र, पौत्री एवं ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर कृषि कार्य करते हैं तथा जिनकी जीविका का मुख्य साधन कृषि कार्य है), जिनकी आयु दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को 18 वर्ष से 70 वर्ष तक हो, के लिए संचालित की जाएगी।
यह योजना दिनांक 14 सितम्बर, 2019 से प्रभावी होगी। यह योजना शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है, जो कि जिलाधिकारियों के माध्यम से संचालित की जाएगी।
कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि के पश्चात 45 दिन के अन्दर समस्त प्रपत्र भरकर जिलाधिकारी को सम्बोधित करते हुए तहसील कार्यालय पर दिया जाना होगा तथा 45 दिन के पश्चात किन्तु 01 माह के अन्दर के विलम्ब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकाी को होगा। कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि के 75 दिन के पश्चात प्रस्तुत किये जाने वाले आवेदन प्रपत्र पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस योजना के अन्तर्गत कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांग होने की दशा में उसके विधिक वारिस/वारिसों/स्वयं कृषक को सामाजिक सुरक्षा हेतु अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता धनराशि दी जाएगी।
यदि कोई कृषक मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किसी भी अन्य योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता से आच्छादित है या राज्य आपदा मोचक निधि के अन्तर्गत धनराशि प्राप्त हुई है तो उसकी दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में इन सभी योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त सहायता की धनराशि को समायोजित करते हुए अन्तर की धनराशि देय होगी। उल्लिखित योजनाओं को सम्मिलित कर कृषक/विधिक वारिस/वारिसों को प्राप्त होने वाली धनराशि यदि 5 लाख रुपये से अधिक हो जाती है तो ऐसी दशा में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना से कोई धनराशि देय नहीं होगी।
योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने के दृष्टिगत वेबपोर्टल/साफ्टवेयर तैयार कराया जाएगा। जब तक साफ्टवेयर तैयार नहीं हो जाता तब तक आवेदन पत्र सीधे सम्बन्धित तहसील में जमा किये जाएंगे। इस साफ्टवेयर पर प्रदेश के समस्त जनपदों के आवेदन पत्रों से सम्बन्धित समस्त सूचनाएं जनपदों द्वारा उपलब्ध करायी जाएंगी। कृषक/विधिक वारिस/वारिसों द्वारा योजना के अन्तर्गत सहायता पाने हेतु आवेदन साफ्टवेयर पर किया जा सकता है। पोर्टल लागू होेने के बाद भी आॅनलाइन एवं आॅफलाइन व्यवस्था लागू रहेंगी।
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मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रिया निर्धारण

मंत्रिपरिषद ने ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रिया निर्धारित कर दी है। मंत्रिपरिषद ने प्रश्नगत प्रायोजना के सम्बन्ध में अग्रेतर आवश्यक निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया है।
उत्तर प्रदेश के लगभग प्रत्येक जनपद में महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राचीन, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्थल दूर-दूर तक फैले हुए हैं। इन स्थलों के सतत् विकास एवं संवर्धन हेतु प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र के एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना पर मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटल स्थल के विकास से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
पर्यटन केन्द्र का चयन सम्बन्धित विधायक एवं जिलाधिकारी की संस्तुति के अनुसार किया जाएगा। पर्यटन स्थल की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निवेश बढ़ेगा। चयनित स्थल का विकास पर्यटन विभाग, विधायक निधि एवं सी0एस0आर0 निधि से प्राप्त धनराशि से किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत बाउण्ड्रीवाॅल, लैण्डस्केपिंग, बेन्चों का निर्माण, साइनेज, पेयजल, स्टोर रूम, लाॅकर, जूता घर, चबूतरा, रेलिंग, फेन्सिंग, परिसर के अंदर पाथ-वे, इण्टरलाॅकिंग टाइल्स कार्य व अन्य अनुमन्य सौन्दर्यीकरण कार्य, परिसर के अंदर पार्किंग, गेट, प्रकाश व्यवस्था, इण्डिया मार्क हैण्डपम्प, सुलभ प्रसाधन, घाट, सम्पर्क मार्ग तथा परिसर के बाहर पार्किंग के कार्य कराए जा सकेंगे।
योजना का रख-रखाव स्थानीय निकाय/ग्राम पंचायतों अथवा प्रबन्ध समिति का गठन कराकर किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत कार्य सम्बन्धित विभागों के सहयोग से यथा आवश्यकतानुसार किए जाएंगे।
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उ0प्र0 पावर कारपोरेशल एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों के लिए

उदय योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में लिये गए कार्यशील पूंजी ऋण हेतु 150 करोड़ रु0

ब्याज एवं अन्य समस्त देयों सहित अदायगी की अतिरिक्त शासकीय

प्रत्याभूति देने एवं प्रत्याभूति शुल्क माफ करने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 पावर कारपोरेशल लि0 एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों के लिए उदय योजना के प्रस्तर 8.4 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में लिये जा चुके कार्यशील पूंजी ऋण हेतु धनराशि 150 करोड़ रुपये ब्याज एवं अन्य समस्त देयों सहित अदायगी की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति दिये जाने एवं शासकीय प्रत्याभूति पर पूर्व की भांति प्रत्याभूति शुल्क माफ किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू उदय योजना के प्रस्तर 8.4 के अनुसार समस्त डिस्काॅम्स द्वारा पूर्व वर्ष के वार्षिक राजस्व का 25 प्रतिशत की सीमा तक कार्यशील पूंजी ऋण बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों से लिए जाने का प्राविधान है।
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उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों के लिए

उदय योजना के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में लिये गये एवं लिये जाने वाले

ऋणों के लिए 1784.56 करोड़ रु0 की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति देने एवं

शासकीय प्रत्याभूति पर प्रत्याभूति शुल्क माफ करने सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों के लिए उदय योजना के प्रस्तर 8.4 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में लिये गये एवं लिये जाने वाले ऋणों के लिए 1784.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति दिये जाने एवं शासकीय प्रत्याभूति पर पूर्व की भांति प्रत्याभूति शुल्क माफ किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू उदय योजना के प्रस्तर 8.4 के अनुसार समस्त डिस्काॅम्स द्वारा पूर्व वर्ष के वार्षिक राजस्व का 25 प्रतिशत की सीमा तक कार्यशील पूंजी ऋण बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों से लिए जाने का प्राविधान है।
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जनपद मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा/गिरिराज परिक्रमा के चारों

ओर सर्विस रोड का निर्माण किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने जनपद मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा/गिरिराज परिक्रमा के चारों ओर सर्विस रोड का निर्माण किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में जनपद मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के चारों ओर 10 मीटर चैड़ाई में सर्विस रोड का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है, जिसकी लागत मेसर्स राइट्स लिमिटेड की फाइनल प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 177 करोड़ रुपये आकलित की गई है।
प्रश्नगत सर्विस रोड के निर्माण से गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रतिबन्धित किया जा सकेगा, जिससे की तीर्थयात्रियों को परिक्रमा करने में सुविधा होगी तथा गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर आवासित आवागमन हेतु सर्विस रोड के निर्माण से सुविधा प्राप्त होगी।
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मेसर्स पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा

प्रा0लि0 को सुविधाएं अनुमन्य कराये जाने सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद के निर्णय दिनांक 20.06.2018 एवं तत्क्रम में निर्गत शासनादेश संख्या-2172/77-3-2018-77(एम)/16 दिनांक 25 जून, 2018 के अनुसार मेसर्स पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क नोएडा प्रा0लि0 को भूमि से सम्बन्धित वही सुविधाएं अनुमन्य कराये जाने का प्रस्ताव है, जैसा कि मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद लि0 के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश दिनांक 02.11.2016 के अनुलग्नक-2 के प्रस्तर-3 एवं प्रस्तर-6 में उल्लिखित है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु दिनांक 21.07.2016 को मेगा फूड पार्क परियोजना के सम्बन्धी दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। मेगा फूड पार्क परियोजना के प्राविधानों द्वारा मेगा फूड पार्क की स्थापना एस0पी0वी0 के माध्यम से ही किया जाना बाध्यकारी है। मेगा फूड पार्क की स्थापना भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश दिनांक 21.07.2016 के अनुसार की जाएगी।
मेगा फूड पार्क की स्थापना से प्रदेश में पूंजी निवेश, किसानों को उनके कृषि उत्पाद का उचित मूल्य एवं बाजार तथा नये रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध होंगे। इससे राज्य की आर्थिक समृद्धि एवं लोगों के जीवन स्तर में उन्नयन होगा।
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औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 (मेगा परियोजना)

के अन्तर्गत मेसर्स पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा0लि0 जिला मथुरा

तथा मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0 जिला बुलन्दशहर

को लेटर आॅफ कम्फर्ट निर्गत किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 (मेगा परियोजना) के अन्तर्गत मेसर्स पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा0लि0, जिला मथुरा तथा मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0, जिला बुलन्दशहर को लेटर आॅफ कम्फर्ट निर्गत किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इन इकाइयों द्वारा लगभग 689 करोड़ रुपये का पंूजी निवेश प्रस्तावित है। इससे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 1,300 रोजगार सृजन की सम्भावना है। यह प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को गति प्रदान करने में भी सहायक होगा।
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आबकारी नीति वर्ष 2020-21

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उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में जी0एस0टी0 प्रणाली के क्रियान्वयन में आ रही कतिपय कठिनाइयों को दूर किये जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रख्यापन तथा विधान मण्डल में पुरःस्थापित करके पारण कराये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
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फिल्म ‘हल्का’ में दर्शकों द्वारा प्रवेश हेतु देय राज्य माल

और सेवा कर के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में

फिल्म ‘हल्का’ स्वच्छता और शौचालय पर आधारित है। इस फिल्म में आठ साल के बालक के उसके पिता के विरोध के बावजूद निरंतर उसने परिवार के लिए निजी शौचालय बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के समर्पण, संघर्ष और चाहत को रचनात्मक रूप से दर्शाया गया है। यह प्रेरणादायक एवं संदेशवाहक फीचर फिल्म है, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों की ओर स्पष्ट रूप से अग्रसर है। फिल्म ‘हल्का’ को मोन्ट्रियल इन्टरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टीवल, 21वां एफआई एफईएम कनाडा में ग्रांड प्रिक्स और बच्चों एवं युवा हेतु किनोलुब फेस्टीवल, पोलैण्ड में ग्रांड प्रिक्स का अवार्ड मिला है। यह फिल्म पूरे विश्व में चेकगणराज्य, तेल अवीव, लंदन आदि जैसे अनेक अन्य अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखायी गई है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदत्त आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा शासनादेश संख्या-612/11-6-2017-एम(43)/17 दिनांक 09.08.2017 में निहित व्यवस्थानुसार फिल्म ‘हल्का’ में दर्शकों द्वारा प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का निर्णय लिया गया। इस सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद द्वारा कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया है।
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जनपद वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण

कार्यों से सम्बन्धित प्रायोजना/प्रस्ताव/आगणन पर अनुमोदन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जनपद वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण परियोजना हेतु पूर्व में पी0एफ0ए0डी0/व्यय वित्त समिति की आकलित/अनुमोदित लागत की गणना में 18.88 करोड़ रुपए की कम गणना को शुद्ध किए जाने तथा 7.95 करोड़ रुपए की स्ट्रक्चरल ड्राॅइंग की आकलित वेटिंग लागत को जोड़ने के फलस्वरूप, पी0एफ0ए0डी0 द्वारा संशोधित आकलित लागत 345.27 करोड़ रुपए$जी0एस0टी0 सहित तथा उल्लिखित उच्च विशिष्टियों पर कार्य कराए जाने हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इस परियोजना की निर्माण इकाई, लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा ई-टेण्डरिंग में आॅनलाइन वित्तीय बिड खोले जाने के फलस्वरूप प्राप्त प्रथम न्यूनतम निविदा 339 करोड़ रुपए पर कार्य कराए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।
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नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ के

संचालन हेतु संविधान, नियमावली तथा स्मृति पत्र अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ के संचालन हेतु सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण के लिए तैयार किये गये संविधान एवं नियमावली तथा स्मृति पत्र को अनुमोदित कर दिया है।
नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ की स्थापना का मूल उद्देश्य भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर लोक हितकारी योजनाओं के सृजन के फलस्वरूप उनका अनुश्रवण, नियमित संचालन एवं प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिकोण से नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधिगण तथा कार्मिकों को प्रशिक्षित करना है। तृतीय राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के क्रम में राज्य सरकार के निर्णयानुसार गोमती नगर विस्तार योजना के सेक्टर-7 में इस संस्थान की स्थापना की गयी है। इस संस्थान का निर्माण सी0एण्डडी0एस0, उ0प्र0 जल निगम द्वारा किया गया है। परियोजना की कुल लागत 109.43 करोड़ रुपये है। चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के क्रम में इस संस्थान के संचालन आदि पर आने वाले व्यय का वहन नगरीय स्थानीय निकायों को राज्य वित्त आयोग द्वारा संक्रमित की जाने वाली धनराशि के 0.1 प्रतिशत से किया जाएगा। इस संस्थान के सुचारु रूप से संचालन के लिए सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण हेतु तैयार की गयी नियमावली एवं संविधान तथा स्मृति पत्र पर मंत्रिपरिषद अनुमोदन प्राप्त किया गया है। संस्थान के क्रिया-कलापों और अवस्थापना एवं वित्तीय व्यवस्था के प्रबन्धन हेतु प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग की अध्यक्षता में एक 17 सदस्यीय प्रबन्ध मण्डल का गठन किया जाएगा। संस्थान के सुचारु रूप से संचालन के लिए निदेशक सहित 11 पदों का सृजन वित्त विभाग की सहमति से किया जा चुका है।
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जनपद शामली कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों का निर्माण कार्य मानकीकरण

से इतर कराये जाने पर अनुमोदन प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जनपद शामली कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य स्टिल्ट फ्लोर के साथ जी$प्रथम तल (11212.58 व0मी0 कुर्सी क्षेत्रफल) लोड बियरिंग के स्थान पर फ्रेेम्ड स्ट्रक्चर पर कराये जाने हेतु प्रायोजना प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। जनपद शामली कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु व्यय वित्त समिति द्वारा संस्तुत पुनरीक्षित लागत 2959.53 लाख रुपये है। यह निर्माण फ्रेम्ड स्ट्रक्चर पर कराया जा रहा है, जबकि कलेक्ट्रेट के अनावसीय भवनों का निर्माण लोड बियरिंग पर मानकीकृत है। प्रायोजना का निर्माण अनुमोदित मानकीकरण से इतर होने के कारण प्रायोजना को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।
जनपद शामली कलेक्ट्रेट के अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु शासनादेश दिनांक 07 जुलाई, 2015 द्वारा मानकीकृत लागत 1040.94 लाख रुपये पर प्रशासकीय एवं वित्तीय अनुमोदन प्रदान करते हुए तीन किश्तो में कुल 988.89 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। इस निर्माण कार्य हेतु अवमुक्त धनराशि 988.89 लाख रुपये के सापेक्ष राजस्व परिषद द्वारा उपलब्ध कराये गये उपयोगिता एवं गुणवत्ता प्रमाण-पत्र में कार्य को मानक के अनुरूप पूर्णतः संतोषजनक बताया गया एवं परियोजना की वित्तीय प्रगति 75 प्रतिशत तथा भौतिक प्रगति 48 प्रतिशत है।
मानकीकृत लागत 1040.94 लाख रुपये से कार्य पूर्ण न हो सकने के दृष्टिगत राजस्व परिषद से प्राप्त पुनरीक्षित आगणन 3322.92 लाख रुपये के परीक्षणोपरान्त व्यय वित्त समिति द्वारा 2959.53 लाख रुपये की धनराशि अनुमोदित की गयी है।
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आगामी उ0प्र0 स्थापना दिवस, गणतंत्र दिवस, गंगा यात्रा, आरोग्य मेलों के संदर्भ में व्यापक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाने के निर्देश

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी 24 जनवरी को उ0प्र0 स्थापना दिवस, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस, 27 से 31 जनवरी, 2020 तक प्रस्तावित गंगा यात्रा, 02 फरवरी, 2020 से प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आयोजित होने वाले आरोग्य मेलों के संदर्भ में व्यापक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस दौरान सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इन आयोजनों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों सहित मण्डलों व जनपदों के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने 24 जनवरी को उ0प्र0 स्थापना दिवस के आयोजन को लखनऊ सहित अन्य जनपदों में भव्यता के साथ मनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जनपदों में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ के सम्बन्ध में प्रदर्शनी का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। जनपद के उत्पादों के निर्यात की सम्भावनाओं पर कार्ययोजना बनायी जाए। कारीगरों व शिल्पियों को सम्मानित किया जाए। शासन की उपलब्धियों और कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार हो।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी शासकीय भवनों, विद्यालयों और शासकीय अनुदानित संस्थाओं में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना सुनिश्चित हो। राष्ट्रगान अनिवार्य रूप से गाया जाए। स्वच्छता के प्रति जागरूकता के कार्य किए जाएं। संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्यों के प्रति स्कूली बच्चों को भी जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने गंगा यात्रा के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश देते हुए कहा कि 27 से 31 जनवरी तक चलने वाली यह यात्रा बिजनौर से कानपुर तथा बलिया से कानपुर तक जाएगी। यह यात्रा अर्थ-गंगा अभियान की गतिविधियों के केन्द्र के साथ-साथ गंगा जी के प्रति आस्था को बढ़ाने में सहायक होगी। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा गुजरने वाली जनपदों के सभी जिलाधिकारी व्यापक कार्ययोजना तैयार कर चुके होंगे। इस कार्ययोजना के तहत युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। गंगा जी में किसी भी प्रकार की गंदगी न गिरे। जिला गंगा समितियों की बैठक अनिवार्य रूप से करते हुए यह प्रयास किया जाए कि गंगा यात्रा में जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान प्रत्येक जनपद में प्रभारी मंत्रियों के साथ-साथ केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रिगण, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण भी शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक, जैविक, रसायन व पेस्टीसाइड मुक्त तथा जीरो बजट खेती के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। फलदार पौधों के रोपण की व्यवस्था हो। गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम चैपालों की व्यवस्थाएं की जाएं, जिनमें शासकीय योजनाओं से लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को गंगा पार्क, गंगा मैदान, गंगा नर्सरी, गंगा तालाब स्थापित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व आरोग्य मेलों, पशु आरोग्य मेलों, खेलकूद गतिविधियों और प्रतियोगिताओं, स्कूली बच्चों के कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। गंगा यात्रा के दौरान विभिन्न लाभार्थीपरक योजनाओं के पात्र लोगों को अनुमन्य सुविधा व सहायता उपलब्ध करायी जाए। इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाने के लिए नए लोगांे को भी इन योजनाओं से जोड़ा जाए। इन योजनाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने का भी कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पाॅलीथीन व प्लास्टिक के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहे। साॅलिड व लिक्विड वेस्ट को रोके जाने की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए। पशुओं के शवों को गंगा जी में बहाए जाने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि तटवर्ती प्रत्येक जनपद में शवदाह गृह की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे शवों को गंगा जी में प्रवाहित करने पर भी रोक लगे। उन्होंने कहा कि युवक मंगल दल, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, नेहरू युवा केन्द्र से गंगा यात्रा को जोड़ते हुए कार्यक्रमों को संचालित किया जाए। खेल मैदानों को विकसित किया जाए। ओपेन जिम की व्यवस्था हो।

मुख्यमंत्री जी ने यात्रा की डाॅक्यूमेण्ट्री फिल्म का निर्माण किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वीडियोग्राफी के साथ-साथ मीडिया प्रबन्धन को सुनिश्चित किए जाएं। लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार की मुकम्मल व्यवस्था की जाए। गंगा यात्रा के दौरान सभी जनपदों में 05 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का प्रतीक बनेगी। उन्होंने बिजनौर, बलिया और कानपुर जनपदों के जिलाधिकारियों से गंगा यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जी ने 02 फरवरी से प्रारम्भ होने वाले आरोग्य मेलों की भी तैयारी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन मेलों में संचारी रोग एवं वेक्टर बाॅर्न रोगों पर नियंत्रण का अभियान चलाया जाए। टीकाकरण की भी व्यवस्थाएं की जाएं। उन्होंने कहा कि इन आरोग्य मेलों के सम्बन्ध में 02 वर्षों तक की कार्ययोजना तैयार कर ली जाए।

मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर निराश्रित गौवंश के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि जियो टैगिंग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गौवंश के सम्बन्ध में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के सम्बन्ध में उन्होंने समयबद्ध ढंग से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सम्बन्ध में उन्होंने निर्देश दिए कि आधार कार्ड से जोड़ते हुए सभी 02 करोड़ 40 लाख कृषकों को इस योजना से लाभान्वित किए जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने जन सुनवाई के लिए प्रत्येक स्तर के अधिकारी को समय पर रहने तथा आई0जी0आर0एस0 पोर्टल व सी0एम0 हेल्पलाइन के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही न बरते जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आई0जी0आर0एस0 तथा सी0एम0 हेल्पलाइन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक स्तर पर खराब प्रदर्शन वाले 10 जनपदों के अधिकारियों को सुधार लाए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी ने कहा कि गंगा यात्रा के सम्बन्ध में विभागीय बजट जनपदों को दिए जा चुके हैं। सभी अधिकारी तैयारियों की समीक्षा कर लें और 25 जनवरी से ही गंगा यात्रा के सम्बन्ध में जागरूकता व वातावरण बनाए जाने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं से सभी तटवर्ती गांवों को संतृप्त किए जाने की भी कार्यवाही की जाए।

अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में गंगा यात्रा तथा अन्य आयोजनों के दौरान सुरक्षा के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। पर्याप्त नावों की व्यवस्था की जा चुकी है। इन नावों में भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में सूचना प्रदर्शनी के लिए बजट आवंटित किया जा चुका है। प्रदर्शनी का आयोजन भव्यता के साथ हो। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो। होर्डिंग्स स्थापित की जाएं। प्रचार के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाते हुए स्लोगंस की वाॅल राइटिंग की जाए तथा सोशल मीडिया सम्बन्धी प्लान भी तैयार कर लिया जाए।

पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह ने निर्देश दिए कि सभी आयोजनों के सम्बन्ध में एकीकृत सुरक्षा व्यवस्था बनाते हुए सतर्कता बरती जाए। इण्डो-नेपाल बाॅर्डर स्थित जनपदों पर विशेष सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा की कार्यवाही की जाए।

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