अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 04 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण एवं उनके सम्मान की रक्षा के लिये संवेदनशील है। सेना के वर्तमान एवं पूर्व सैनिकों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। सैनिकों की समस्याओं एवं आवश्यकताओं के सम्बन्ध में सिविल सैनिक बैठकों में विचार-विमर्श के माध्यम से कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाता है। यह बैठकें वर्तमान, शहीद एवं पूर्व सैनिकों के परिवारों के कल्याण एवं सम्मान की सुरक्षा के सम्बन्ध में निर्णय लेने में सहायक होती हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश के वीर अमर शहीदों के आश्रितों को नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 11 अमर शहीद सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के 11 अमर शहीदों के आश्रितों को नियुक्ति-पत्र प्रदान कर सेवायोजित किया जा रहा है। इससे पूर्व 06 अमर शहीदों के आश्रितों को राज्य सरकार में सेवायोजित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक नौजवान सैन्य एवं अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत हैं। वर्तमान में प्रदेश में 4.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिक हैं। इन सैनिकों ने देश की रक्षा में अपना योगदान किया है। आज भी देश उनकी प्रतिभा, ऊर्जा एवं अनुशासन से लाभान्वित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद जवानों के प्रति न केवल सम्मान का भाव रखती है, बल्कि उनके परिवार के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों के कल्याण, सुरक्षा एवं सम्मान में अनेक कदम उठाये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा सशस्त्र सैनिकों/अर्द्ध सैनिक बलों में कार्यरत सैनिकों के कल्याण हेतु प्रदेश के मूल निवासी शहीद सैनिकों के आश्रितों को शासकीय नियुक्ति दिए जाने का निर्णय दिनांक 19 मार्च, 2018 के शासनादेश द्वारा लिया गया। 01 अप्रैल, 2017 के पश्चात शहीद हुये सशस्त्र सैनिकों/अर्द्ध सैनिक बलों में कार्यरत सैनिकों को इस शासनादेश के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। इससे पूर्व, शहीद सैनिकों के आश्रितों को शासकीय सेवा में लिए जाने की व्यवस्था नहीं थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 1986 से पूर्व, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, सेना मेडल (वीरता), मेन्शन-इन-डिस्पैच से विभूषित पदक विजेताओं को दिए जाने वाले नगद पुरस्कारों में 15 जून, 2018 को उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसके अन्तर्गत परमवीर चक्र विजेताओं को एकमुश्त 32.50 लाख रुपए तथा वार्षिकी 1.95 लाख रुपए की धनराशि प्रदान करने का निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है। पहले मात्र 15 हजार रुपए एकमुश्त तथा हजार रुपए वार्षिकी प्रदान करने की व्यवस्था थी। इसी प्रकार वीरता पुरस्कार से सम्मानित उत्तर प्रदेश के निवासी सैनिक जनों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही एकमुश्त एवं वार्षिकी की धनराशि में 10 जुलाई, 2018 सेे उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 10 जुलाई, 2018 के बाद वीरता पुरस्कार पाने वाले परमवीर चक्र विजेता को 52 लाख रुपए, महावीर चक्र विजेता को 31 लाख रुपए तथा वीर चक्र विजेताओं को 20 लाख रुपए एकमुश्त व क्रमशः 03 लाख रुपए, 02 लाख रुपए तथा 01 लाख रुपए प्रत्येक वर्ष देकर उनका मनोबल बढ़ाने का निर्णय लिया है। पूर्व सैनिकों तथा वीर नारियों के समुचित पुनर्वास व उनके सम्मानजनक जीवनयापन के लिए शासन ने उनके द्वारा लिए गए 03 लाख रुपए तक के ऋण की ब्याज दरों में 04 प्रतिशत अनुदान वहन करने का भी निर्णय लिया है, ताकि ऋण अदायगी में आने वाली कठिनाइयों का निराकरण किया जा सके। इसके अन्तर्गत प्रति पात्र लाभार्थी 12 हजार रुपए तक अनुदान देने की व्यवस्था शासनादेश द्वारा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर इस हेतु स्थापित निधि में औसत 1.75 करोड़ रुपए की धनराशि प्रतिवर्ष एकत्र होती है, जिससे सैनिकों का अपेक्षित कल्याण सम्भव नहीं हो पाता। सैनिकों के कल्याण व व्यापक हितों के प्रति प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के दृष्टिगत पहली बार यह निर्णय लिया गया कि एकत्र की जाने वाली धनराशि की तीन गुना से अधिक राशि शासन द्वारा अपनी तरफ से निधि में जमा करायी जाएगी, ताकि हमारे वीर सैनिकों के कल्याण हेतु धनराशि की कमी न रहने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों के कल्याण तथा उनके सुख-सुविधाओं हेतु साढ़े पांच करोड़ रुपए की धनराशि से 04 जनपदों यथा-प्रयागराज, मेरठ, कौशाम्बी तथा मऊ में नवीन सैनिक कल्याण कार्यालय व विश्राम गृह का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा, साढ़े तीन करोड़ रुपए की धनराशि से 09 जनपदों में सैनिक विश्राम गृहों का जीर्णोद्धार भी कराया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के कल्याण एवं सम्मान हेतु कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये सैनिक कल्याण मंत्री चेतन चैहान ने कहा कि 01 अप्रैल, 2017 से अगस्त, 2017 तक प्रदेश के 31 सैनिक शहीद हुये हैं। अमर शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु राज्य सरकार द्वारा उन्हें नियोजित किया जा रहा है। उन्होंने सैनिकों के कल्याण हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के अन्त में समाज कल्याण राज्यमंत्री डाॅ0 गिर्राज सिंह धर्मेश ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मध्य कमान के जी0ओ0सी0 मेजर जनरल प्रवेश पुरी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओ0पी0सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, निदेशक सैनिक कल्याण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा शहीद सैनिकों के परिवारीजन उपस्थित थे।