जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शनिदेव के नौ वाहन और उनका आपके जीवन पर असर……..

शनि के लिए प्रसिद्ध है कि प्रसन्न हों तो छप्पर फाड़कर प्रदान कर दें और अप्रसन्न हों तो कष्टों की कोई सीमा नहीं। किसी जातक की राशि में किस वाहन की सवारी से प्रवेश करते हैं इसका भी व्यापक असर उसके भाग्य पर होता है। शनिदेव के नौ प्रकार के वाहन और उनका प्रभाव क्या होता है.
गधा- जब शनिदेव की सवारी गधा होता है तो उसे शुभ नहीं माना जाता है। शुभ फलों को मिलने में कमी होती है। सफलता के लिए बडे पापड़ बेलने पड़ते हैं। ऐसे जातक को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शनिकृपा की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
घोड़ा- यदि शनिदेव की सवारी घोड़ा हो तो जातक को शुभ फल मिलते हैं। इस समय जातक समझदारी से काम लें तो अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय पा सकता है। घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, अतः व्यक्ति इस समय जोश और उर्जा से भरा होता है।
हाथी- यदि जातक के लिए शनि का वाहन हाथी हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। यह जातक को आशा के विपरीत फल देता है। इस स्थिति में जातक को साहस और हिम्मत से काम लेना चाहिए। विपरीत स्थिति में घबराना बिलकुल नहीं चाहिए।
भैंसा– यदि शनिदेव का वाहन भैसा हो तो जातक को मिला जुला फल प्राप्ति की उम्मीद होती है। इस स्थिति में जातक को समझदारी और होशियारी से काम करना ज्यादा बेहतर होता है। यदि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। लापरवाही से उलटे फल की आशंका बढ़ जाती है।
सिंह- यदि शनि की सवारी सिंह हो तो जातक को शुभ फल मिलता है। इस समय जातक को समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए इससे शत्रु पक्ष को परास्त करने में मदद मिलती है। इस अवधि में जातक को अपने विरोधियों से घबराने या ड़रने की कोई आवश्यकता नहीं है।
सियार या जम्बुक– यदि शनि की सवारी सियार हो तो जातक को शुभ फल नहीं मिलते है। इस दौरान जातक को अशुभ सूचनाएं अधिक मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इस स्थिति में जातक को बहुत ही हिम्मत से काम लेना होता है।
कौआ- यदि शनि की सवारी कौआ हो तो जातक को इस अवधि में कलह में बढ़ोतरी होती है। परिवार या दफ्तर में किसी मुद्दे को लेकर कलह या टकरावों की स्थिति से बचना चाहिए। समय फिर शांति, संयम से विवाद से हल करने का है।
मोर- शनि की सवारी मोर हो तो जातक को शुभ फल देता है। इस समय जातक को अपनी मेहनत के साथ-साथ भाग्य का साथ भी मिलता है। इस दौरान जातक को समझदारी से काम करने पर बड़ी-बड़ी परेशानी से भी पार पाया जा सकता है। इसमें मेहनत से आर्थिक स्थिति को भी सुधारा जा सकता है।
हंस- यदि शनि की सवारी हंस हो तो जातक के लिए बहुत शुभ होता है। इस सायम जातक अपनी बुद्धि औए मेहनत करके भाग्य का पूरा सहयोग ले सकता है। यह अवधि में जातक की आर्थिक में सुधार देखने को मिलता है। हंस को शनि के सभी वाहनों में सबसे अच्छा वाहन कहा गया है।
।।न्याय के देवता शनि महाराज की जय।।
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