
छात्रों को छह माह के अध्ययन के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट, आयुर्वेद संकाय में मिलेगा अध्ययन का मौका
वाराणसी।बीएचयू में अब भूत विद्या कोर्स की पढ़ाई होगी। छह माह का अध्ययन करने के बाद छात्रों को सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके बाद उन्हें कमाई का भी मौका मिल जायेगा। चिकित्सा विज्ञान संकाय के आयुर्वेद संकाय में इसका अध्ययन कराया जायेगा। पाठ्यक्रम भी तैयार किया जा चुकाहै ओर अगले साल जनवरी से इसकी पढ़ाई शुरू हो जायेगी।
इस विद्या के प्रयोग का सबसे अधिक फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। इन जगहों पर भूत-प्रेत, जादू-टोना के नाम पर कई तरह की भ्रांतियां फैली रहती है और अज्ञानता के कारण लोगों की जान तक चली जाती है। साइकोस्मिेट्रिंक अर्थात मानसिक बीमारी का इलाज वैज्ञानिक ढंग से करने की पद्धति को बताने के लिए ही भूत विद्या कोर्स शुरू किया जा रहा है। छह माह का कोर्स पूरा किये छात्र को प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा। वह लोगों में भूत, ग्रह, मानस के लेकर लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करेंगे। इसके अतिरिक्त कोलाइटिस, अवसाद व अन्य मानसिक बीमारी को ठीक करेंगे। छात्रों को पाठ्यक्रम में इतनी जानकारी दी जायेगी कि वह आवश्यकता पडऩे पर इलाज के लिए औषधि भी दे सकते हैं। यदि किसी को भूत-प्रेत बाधा का शक होगा तो उसका प्राचीन चिकित्सा पद्धति से इलाज कर स्वस्थ्य करेंगे और बदले में फीस भी लेंगे।
*जानिए क्या है भूत विद्या पाठ्यक्रम
पाठ्यक्र में दो पेपर होंगे। एक भूत विद्या की अवधारणा व दूसरा भूत विद्या का उपचारात्मक पहलू होगा। भूत विद्या की अवधाराणा में उसका मतलब, जनता की समझ, परिभाषा, एतिहासिक महत्व आदि के बारे में बताया जायेगा। जबकि दूसरे पेपर में इसका उपचारात्मक पहलू, चिकित्सा के प्रकार, ग्रह की स्थिति, कार्य चिकित्सका आदि की जानकारी दी जायेगी। बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के सिद्धांत धर्म दर्शन विभाग के प्रो.सीएस पांडेय ने कहा कि भूत विद्या का मूल उद्देश्य समाज में भूत-प्रेत के लेकर फैलायी गयी अफवाहों पर रोक लगाना है।
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