जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से ऐसी हस्तरेखा वाले लोगों को होता है पूर्वाभास,मिलते हैं भविष्य के संकेत…..

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से ऐसी हस्तरेखा वाले लोगों को होता है

पूर्वाभास,मिलते हैं भविष्य के संकेत…..

कुछ लोगों के पास ऐसी शक्तियां जन्म से ही रहती हैं, जिनसे उन्हें भूतकाल और वर्तमान के साथ ही भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है। ऐसे लोगों की छठी इंद्री यानि सिक्स्थ सेंस एक्टिव रहता है। हस्तरेखा के अनुसार कुछ ऐसे चिन्ह बताए गए हैं जो व्यक्ति को आने वाले कल की जानकारी देते हैं। यहां तस्वीरों में देखिए ऐसे संकेत…कुछ लोगों के पास ऐसी शक्तियां जन्म से ही रहती हैं, जिनसे उन्हें भूतकाल और वर्तमान के साथ ही भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है। ऐसे लोगों की छठी इंद्री यानि सिक्स्थ सेंस एक्टिव रहता है। हस्तरेखा के अनुसार कुछ ऐसे चिन्ह बताए गए हैं जो व्यक्ति को आने वाले कल की जानकारी देते हैं। यहां तस्वीरों में देखिए ऐसे संकेत…

– यदि किसी व्यक्ति के हाथों में शनि पर्वत मतलब मीडिल फिंगर के नीचे वाले भाग पर क्रास का निशान हो एवं इसके साथ ही मस्तिष्क रेखा भी साफ-सुथरी और पुष्ट हो तो व्यक्ति को पूर्वाभास होता है।

– यदि किसी व्यक्ति की हथेली के गुरु पर्वत यानी इन्डेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग पर त्रिभुज या चर्तुभुज बना हुआ दिखाई देता है तो ऐसे इंसान को भी भविष्य के संकेत दिखाई देते हैं।

– हथेली के शनि पर्वत यानी मीडिल फिंगर के नीचे वाले भाग पर त्रिभुज या चर्तुभुज का चिन्ह बना हो तो व्यक्ति को पूर्वाभास होता है।

– जिन लोगों की हथेली का शनि पर्वत पुष्ट हो एवं इसके साथ ही सूर्य रेखा (रिंग फिंगर यानी अनामिका अंगुली के नीचे वाले भाग पर होती है सूर्य रेखा) अर्थात रिंग फिंगर के क्षेत्र से निकलने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा से जुड़ जाए तो ऐसे लोगों को भी आने वाले समय का आभास हो जाता है।

– यदि हथेली के चन्द्र पर्वत यानि अंगूठे के दूसरी ओर वाले भाग पर त्रिभुज या चतुर्भुज हो तो उन लोगों को भी पूर्वाभास होता है।

जिन लोगों के हाथों में ऐसे चिन्ह होते हैं उन लोगों के पास विशेष शक्ति होती है। जब वे इन शक्तियों को पहचानने लगते हैं, उन्हें पूर्वाभास होने लगता है। कई बार ग्रहों की स्थिति बदलने के बाद ये चिन्ह मिट जाते है तब यह शक्तियां भी नहीं रहती हैं। इसके साथ ही हथेली की अन्य दशाओं से भी यहां बताए गए प्रभाव बदल भी सकते हैं।

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