फ्लोर टेस्ट से पहले फडणवीस का सरेंडर, CM पद से इस्तीफे का ऐलान

बीजेपी के किसी मुख्‍यमंत्री को सरकार बनाने के बाद बहुमत के अभाव में इस्‍तीफा देना पड़ेगा.


मुंबई.।फ्लोर टेस्ट के पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।. प्रेस कॉन्फ्रेंस में फडणवीस ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया।उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं. ।देवेंद्र फडणवीस से पहले अजित पवार डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे चुके थे। देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शनिवार सुबह राजभवन में शपथ ली थी.।

बताते चले कि महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक दिन में दूसरा बड़ा झटका लगा, जब महाराष्‍ट्र के डिप्‍टी सीएम अजित पवार ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. आज सुबह से उनके इस्‍तीफे की अटकलें लगाई जा रही थीं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम को बहुमत साबित करने का आदेश देकर पहला झटका दिया था।. कुछ देर पहले तक बीजेपी नेता यह दावा कर रहे थे वे आसानी से विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित कर लेंगे, लेकिन दोपहर बाद घटनाक्रम तेजी से बदले. अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उसके बाद अब अजीत पवार के इस्‍तीफे की खबर आई है।. अजित पवार ने अपना इस्‍तीफा मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजा है।

कर्नाटक के बाद यह दूसरा मौका होगा, जब बीजेपी के किसी मुख्‍यमंत्री को सरकार बनाने के बाद बहुमत के अभाव में इस्‍तीफा देना पड़ेगा. कर्नाटक में बीएस येदियुरप्‍पा ने 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई थी. तब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था. बीएस येदियुरप्‍पा ने सदन में भावुक भाषण देते हुए इस्‍तीफा दे दिया था

उसके बाद अब देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के दूसरे मुख्‍यमंत्री होंगे, जब उन्‍होंने अजित पवार को साथ मिलाकर बहुमत के अभाव में सरकार बना ली लेकिन अब बहुमत न होने के कारण सरकार इस्‍तीफे के कगार पर खड़ी है. उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार पहले ही इस्‍तीफा दे चुके हैं

इससे पहले 23 नवंबर को सुबह-सुबह 5:47 बजे महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल की सिफारिश पर राज्‍य से राष्‍ट्रपति शासन को हटा दिया गया था. उसी दिन सुबह 8:09 बजे बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी विधायक दल के नेता ने क्रमश: मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. अचानक हुए इस घटनाक्रम से सब कोई अवाक रह गया थाअजित पवार के बीजेपी के साथ जाने से सबसे अधिक धक्‍का शरद पवार को लगा था. आनन-फानन में उन्‍होंने डैमेज कंट्रोल किया और शाम होते-होते अजित पवार को विधायक दल का नेता पद से हटा कर जयंत पाटिल को नया नेता चुन लिया गया था. तब से लेकर आज तक महाराष्‍ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल मची. विधायकों को होटल में शिफ्ट किया गया, जासूसी की शिकायत पर कई बार होटल बदले गए. सोमवार की शाम को एक होटल में तीनों दलों के विधायक जुटे और शक्‍ति प्रदर्शन किया.

23 नवंबर की शाम को ही शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में संयुक्‍त याचिका डाली, जिस पर रविवार और सोमवार को सुनवाई हुई. आज मंगलवार को फैसला आया, जिससे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार को बड़ा झटका लगा. उसके बाद से घटनाक्रम बदलने लगे और बीजेपी खेमे में मायूसी छा गई. दोपहर बाद से ही स्‍पष्‍ट हो गया था कि अजीत पवार पलटी मार सकते हैं और उन्‍होंने मारी भी. आखिरकार उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया है।

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