लखनऊ।उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समेकित बागवानी विकास हेतु प्रदेश के 45 जनपदों में योजना संचालित है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के पैर्टन पर शेष 30 जनपदों में योजना वर्तमान में संचालित हो रही है।
उद्यान विभाग के निदेशक ने बताया कि जिन 30 जनपदों में योजना संचालित हो रही है। वे क्रमशः गौतमबुद्ध नगर, बागपत, शामली, हापुड़, अमरोहा, बिजनौर, सम्भल, पीलीभीत, एटा, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर देहात, फतेहपुर, हरदोई, लखीमपुरखीरी, अम्बेडकरनगर, अमेठी, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, चन्दौली, आजमगढ़, मऊ, देवरिया एवं रामपुर हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के रबी मौसम में शाकभाजी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संकर शिमला मिर्च, संकर टमाटर, संकर पात गोभी, संकर फूल गोभी, लतावर्गीय सब्जियां एवं परवल के कार्यक्रम कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परम्परागत शाकभाजी की तुलना में संकर शाकभाजी की प्रति इकाई में दो से ढाई गुना अधिक उत्पादन होता है। कार्यक्रम के अंतर्गत संकर शाकभाजी हेतु प्रति इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 20,000 रुपया प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जा रहा है।
निदेशक ने बताया कि मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मिर्च, प्याज, लहसुन, हल्दी एवं धनिया के क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 12000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जा रहा है। पुष्प विकास हेतु गेंदा, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा तथा मधुमक्खी पर अनुदान दिया जा रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के लाभ प्राप्त करने हेतु किसान को किसान सेवा पोर्टल नचंहतपबनसजनतमण्बवउ पर अपना पंजीकरण कराते हुए आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। जिसके आधार पर प्रथम आवक, प्रथम पावक के अनुसार चयन की व्यवस्था लागू की गई है। कृषक द्वारा योजना के अंतर्गत चयनित फसल का रोपण करने के उपरान्त उसके अनुदान की राशि आनलाइन उपलब्ध कराये गये बैंक खाते में सीधे कोषागार से डीबीटी के माध्यम से अन्तरित किये जाने की व्यवस्था है। विशेष जानकारी हेतु जनपद के उद्यान अधिकारी/मण्डलीय उप निदेशक, उद्यान से सम्पर्क स्थापित कर अधिकाधिक लाभ उठा सकते हैं।