ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव(ऊर्जा), की अपील पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने अग्रेतर आन्दोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

ऊर्जा मंत्री, उप्र, प्रमुख सचिव (ऊर्जा), उप्र के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों की सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई वार्ता सहमति के बिन्दु बने

सहमति के बाद मा. ऊर्जा मंत्री जी की अपील पर विद्युत कर्मियों का ध्यानाकर्षण कार्यक्रम स्थगित

लखनऊ।उप्र स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उप्र पावर कारपोरेशन सीपीएफ ट्रस्ट की धनराशि को डीएचएफएल, पीएनबीएचएफएल एवं एलआईसीएचएफएल में नियम विरूद्ध तरीके से लगभग 66 अरब रूपये का निवेश किये जाने एवं डीएचएफएल के दीवालिया घोषित होने के फलस्वरूप विद्युत कर्मियों के आक्रोश एवं ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के 19वें दिन आज दिनांक 23.11.2019 को मा. श्रीकान्त शर्मा, ऊर्जा मंत्री, उप्र, प्रमुख सचिव, उप्र शासन एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के मध्य शक्ति भवन में सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई। वार्ता में उप्र शासन एवं संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल के मध्य निम्नवत् सहमति बनी –

‘‘उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सीपीएफ ट्रस्ट के स्तर से दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि कम्पनी में निवेशित धनराशि की समय से वापसी के लिए समस्त विधिक कदम उठाये जायेंगे तथा धनराशि वापस प्राप्त होने पर उसका नियमानुसार निवेश सुनिश्चित किया जायेगा।
विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए यदि दीवान हाउसिंग फाइनेन्स लि कम्पनी में निवेशित धनराशि की वापसी में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है जिसके कारण आच्छादित कार्मिकें के देयकों के निर्वहन में ट्रस्ट अपने आप को अक्षम पाता है तो देयकों के सामयिक भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु वांछित धनराशि प्रथमतः उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि द्वारा अपने श्रोतों से प्रदान की जायेगी। यदि किन्हीं परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि भी वांछित धनराशि ट्रस्ट को उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हो पाता है तो राज्य स्तर से आवश्यकतानुसार धनराशि उप्र पावर कारपोरेशन लि को ब्याज रहित ऋण के रूप में प्रदान की जायेगी जिससे देयकों के भुगतान में कोई कठिनाई उत्पन्न न हो।

इसके पूर्व वार्ता में प्रबन्धन द्वारा स्पष्ट किया गया कि पीएनबीएचएफएल एवं एलआईसीएचएफएल में जमा धनराशि की वापसी हेतु कार्यवाही की गयी है और यह राशि ट्रस्ट के खाते में अगले 2 से 3 दिनों में वापस आ जायेगी जिसका नियमानुसार निवेश किया जायेगा। संविदा कर्मियों के ईपीएफ का पैसा ठेकेदारों द्वारा न जमा किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने निदेशित किया है कि जब तक ठेकेदारों द्वारा संविदा कर्मियों के इपीएफ पैसा नहीं जमा किया जाता उनके अगले बिल का भुगतान नहीं किया जायेगा। प्रमुख सचिव(ऊर्जा) ने बताया कि मा. मुख्य मंत्री जी के कड़े निर्देश हैं कि जो भी लोग पीएफ घोटाले में शामिल हैं वो चाहे जिस स्तर के हों उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।
वार्ता में प्रबन्ध निदेशक, उप्र पाकालि तथा निदेशक (का प्र एवं प्रशा) भी मौजूद थे। संघर्ष समिति की ओर से वार्ता में प्रमुख रूप से इं ए के सिंह, जी के मिश्रा, राजीव सिंह, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डे, सदरूद्दीन राणा, सोहेल आबिद, विनय शुक्ला, शशिकान्त श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, डी के मिश्रा, सुनील प्रकाश पाल, राम प्रकाश, जी वी पटेल, वारिन्दर शर्मा, महेन्द्र राय, वी सी उपाध्याय, परशुराम, पी एन तिवारी, पी एन राय, ए के श्रीवास्तव, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो. इलियास, के एस रावत, भगवान मिश्र, करतार प्रसाद, आर एस वर्मा, पी एस बाजपेयी, वी के सिंह ‘कलहंस’ मौजूद रहे।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने वार्ता में यह भी स्पष्ट किया कि ध्यानाकर्षण कार्यक्रमों के कारण किसी भी कार्मिक के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जायेगी। मा. ऊर्जा मंत्री जी ने बैठक में बताया कि घोटाले से विद्युत कर्मियों के ऊपर आये इस संकट में वे विद्युत कर्मियों के साथ पूरी तरह से हैं और वे स्वयं भी अपने को विद्युत परिवार का सदस्य मानते हैं। उन्होंने यह भी यकीन दिलाया कि विद्युत कर्मियों की समस्याओं एवं संविदा कर्मियों की वर्तमान समस्याओं का हर सम्भव प्रयास कर समाधान कराया जायेगा तथा भयमुक्त कार्य का वातावरण बनाया जायेगा जिससे कि सभी विद्युत कर्मचारी अपना कार्य पूर्ण मनोयोग से कर सकें। मा ऊर्जा मंत्री जी ने संघर्ष समिति से अपील की कि सभी विद्युत कर्मी अपनी पूरी ताकत से विद्युत उद्योग की बेहतरी के लिए जुट जायें तथा 31 दिसम्बर 2020 तक पूरे प्रदेश में राजस्व वसूली, बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं विद्युत चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने के काम में जुट जायें। उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की है कि 31 दिसम्बर 2020 तक प्रदेश भर में लाइन लॉस को घटा कर 15 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रयास करें। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि उपभोक्ता एवं उप्र पाकालि के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए सभी विद्युत कर्मी पूर्ण मनोयोग और निष्ठा के साथ कार्य करेंगे जिससे कि निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु राजस्व वसूली एवं समेकित तकनीकि एवं वाणिज्यिक हानियों को न्यूनतम किया जा सके। प्रतिनिधियों ने यह भी आश्वस्त किया कि हमेशा की तरह आगे भी शासन एवं निगम के संकल्प ‘‘सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली’’ को साकार करने की दशा में अपना सम्पूर्ण एवं सकारात्मक योगदान देते रहेंगे।
प्रबन्धन ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में कार्मिकों, संविदा कर्मियों की समस्याओं का समाधान संघर्ष समिति से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से शीघ्र कराया जायेगा।

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