चंडीगढ़ ।
पंजाब पुलिस और भारत सरकार के प्रयास आखिर रंग लाए। हांगकांग की अदालत ने मंगलवार को नाभा जेल ब्रेक के प्रमुख साजिशकर्ता रमनजीत सिंह उर्फ रोमी के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया है। नशे के कारोबार की एक बड़ी मछली रोमी कई मामलों में वांटेड है।
उसे जून 2016 में पंजाब पुलिस ने हथियारों और फर्जी क्रेडिट कार्ड की बरामदगी के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे नाभा जेल में रखा गया था जहां उसकी दोस्ती कई अपराधियों और आतंकवादियों के साथ हो गई थी। उसे अगस्त 2016 में जमानत मिल गई जिसके बाद वह हांगकांग भाग गया।
इसके बाद बठिंडा के तलवंडी साबो में स्थित गांव बंगी रुल्दू के रहने वाले रोमी ने दो आतंकवादियों सहित छह कुख्यात अपराधियों को नाभा जेल से छुड़वाने की साजिश रची थी। 27 नवंबर, 2016 को 16 अपराधियों ने जेल पर हमला करके अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिसके चलते हरजिंदर सिंह उर्फ विक्की गौंडर, नीटा देओल, गुरप्रीत सेखों, अमन धोतियां के अलावा दो आतंकवादी मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी भागने में सफल हो गए थे।
★ पिछले साल शुरू हुईं प्रत्यर्पण की कोशिशें
रोमी के प्रत्यर्पण की कोशिशें साल 2018 में शुरू की गईं जब उसे हांगकांग में गिरफ्तार किया गया था। जून, 2018 में केस की पैरवी करने के लिए एआईजी (काउंटर इंटेलिजेंस) गुरमीत सिंह चौहान, हरविंदर सिंह विर्क और जिला अटार्नी संजीव गुप्ता की टीम हांगकांग गई।
उन्होंने मजबूत केस तैयार किया और इस संबंध में निजी तौर पर कई बार हांगकांग के न्याय विभाग का दौरा किया। उन्होंने रोमी की तरफ से पंजाब पुलिस पर लगाए अत्याचार और यातनाओं के आरोपों का खंडन किया और इसके खिलाफ सबूत इकट्ठे कर पेश किए।
भारत-हांगकांग के बीच है प्रत्यर्पण संधि
पंजाब पुलिस ने भारत सरकार और हांगकांग की सरकार के बीच 28 जून, 1997 को हुई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के आर्टिकल 10 के तहत रोमी की अस्थायी गिरफ्तारी के लिए आग्रह किया था। इसमें रोमी के आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने, डकैती, कत्ल, उगाही, नशीले पदार्थों की तस्करी, हथियारों की सप्लाई जैसे अपराधों में शामिल होने का हवाला भी दिया गया था।
★पंजाब पुलिस ने कहा- जरूरी है रोमी का प्रत्यर्पण
रोमी के प्रत्यर्पण को बेहद जरूरी बताते हुए पंजाब पुलिस का कहना है कि नाभा जेल ब्रेक की जांच और मिंटू समेत गिरफ्तार अन्य अपराधियों से पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि मुख्य साजिशकर्ता रोमी ही है। उसने जेल पर हमले के लिए तालमेल कायम किया और जेल से भागने के बाद अपराधियों को वित्तीय और अन्य सहायता मुहैया करवाई।