भोपाल।अब मोदी के सामने समृद्ध भारत के सपने को साकार करने की चुनौती कृष्णमोहन झा/सदियों पुराने अयोध्या विवाद का संतोषजनक ढंग से समाधान करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने जो ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, उस विवाद से जुड़े सभी पक्षों द्वारा सहज स्वीकार करने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त हो गया है। फैसले के तत्काल बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने देश के प्रमुख 50 धर्म गुरुओं की बैठक बुलाकर यह संकेत भी दे दिया कि वर्तमान सरकार मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जारी रखने के दौरान देश में शांति और सद्भाव सौहार्द्र बनाए रखने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। बैठक में मौजूद धर्मगुरुओं ने सरकार को यह भरोसा दिलाया है कि देश में बने सद्भाव और सौहार्द्र को मजबूत करने के लिए वे सरकार द्वारा किए जाने वाले हर प्रयास में उसके साथ खड़े रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी ही अपील फैसला आने के बाद चंद घंटों के अंदर राष्ट्र के नाम प्रसारित अपने संदेश में सारे देश से की थी, जिसका समाज के सभी वर्गों ने समर्थन किया।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार केंद्र सरकार अब जल्द से जल्द एक ट्रस्ट का गठन कर तैयारियों में जुट गई है। बहुत संभव है कि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत अथवा रामनवमी की तिथि से मंदिर के निर्माण का शुभारंभ कर दिया जाएगा। इसे एक सुखद संयोग के रूप में लिया जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को स्वीकार्य ऐतिहासिक फैसला सुनाया है और मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना दूसरा कार्यकाल मात्र छह माह पूर्व ही प्रारंभ किया है और माना जा सकता है कि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया उनके दूसरे कार्यकाल के पूर्ण होने के पूर्व ही परिणीति के बिंदु तक पहुंच चुकी होगी। आज मुझे अपनी उस कृति की याद रह रहकर आ रही है ,जो मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रेखांकित करते हुए लगभग तीन वर्ष पूर्व लिखी थी। उस कृति का शीर्षक था “यशस्वी मोदी”। आज मैं यह सोचने पर विवश हूं की ईश्वर ने शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में यह यश पहले से ही लिख दिया था कि उनके कार्यकाल में ही सदियों पुराने अयोध्या विवाद का पटाक्षेप होकर वहां भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। निःसंदेह इसके लिए देश का सर्वोच्च न्यायालय बधाई का हकदार है, जिसने अनेक अप्रिय प्रसंगों को जन्म देने वाले सदियों पुराने विवाद को इस तरह हल कर दिया की सभी पक्ष को यह मानना पड़ा कि इस विवाद पर इससे अच्छा फैसला और कुछ हो ही नहीं सकता था। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में ऐतिहासिक फैसला देने के सर्वोच्च न्यायालय की इच्छा शक्ति एवं दृढ़ता की सराहना की है।
गुजरात में सोमनाथ मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या का राम मंदिर देश का दूसरा ऐसा मंदिर होगा, जिसका निर्माण एक ट्रस्ट के द्वारा किया जा रहा है। जिस दिन यह मंदिर बनकर तैयार होगा, उस दिन मोदी सरकार की उपलब्धियों की श्रृंखला में एक ओर कड़ी जुड़ जाएगी ओर विरोधी दल भी यह मानने को विवश हो जाएंगे की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन यह राजनेता जो कहता है, उसे करके भी दिखाता है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान केंद्र सरकार ने अब तक जो फैसले किए हैं, उनसे उन्होंने इतिहास ही रचा है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रथम कार्यकाल की शुरुआत से ही देश को यह एहसास हो गया था कि वे नए भारत के निर्माण का पुनीत संकल्प लेकर ही आए हैं। वह अपने मजबूत इरादों को पूरा करने के लिए साहसिक और कठोर फैसले लेने से भी नहीं हिचकेगे। भले ही इसके लिए उन्हें तात्कालिक आलोचना का शिकार क्यों न बनना पड़े। उन्होंने जो भी कठोर फैसले किए वह समय बीतने के साथ सही साबित होते चले गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रथम कार्यकाल में यह साबित कर दिया है कि वे लीक से हटकर काम करने में विश्वास रखते हैं और दृढ़ इच्छाशक्ति और विलक्षण कार्यशैली उनकी सबसे बड़ी पहचान है। इसी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें कभी अपने मजबूत इरादों से पीछे नहीं हटने दिया। प्रथम कार्यकाल में लिए गए उनके साहसिक और ऐतिहासिक फैसलों ने उनकी करिश्माई लोकप्रियता में दुगनी वृद्धि की थी और 17वीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें हासिल कर इतिहास रच दिया। इस विशाल बहुमत ने मोदी सरकार को वह आत्मविश्वास प्रदान किया, जो उनके दूसरे कार्यकाल में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने वाले कानून के रूप में सामने आया। इसी इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास के बल पर मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का फैसला किया। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में नोटबंदी एवं जीएसटी लागू करने के फैसले बहु मील के पत्थर साबित हुए। सरकार की जन धन योजना, स्वच्छता मिशन, मेक इन इंडिया ओर उज्ज्वला योजना को जनता ने इतना सराहा की सत्ता में वापसी करने के लिए मोदी सरकार को पहले से भी अधिक बहुमत के साथ जनादेश दिया।
मोदी सरकार ने अपनी अब तक की उल्लेखनीय एवं ऐतिहासिक फैसलों से यह साबित कर दिया है कि वे केवल बातें ही नहीं करती, बल्कि उन्हें निश्चित समय सीमा के अंदर पूरा करके भी दिखाती है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करने के लिए भाजपा एवं मोदी सरकार हमेशा से ही प्रतिबंध रही है। सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब भव्य राम मंदिर बन जाने के प्रति किसी के मन में संदेह नहीं है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण मोदी की उपलब्धियों में चार चांद लगा देगा। प्रधानमंत्री मोदी का यह वक्तव्य भी गौर करने लायक है कि लक्ष्य अभी और भी है, मंजिलें अभी और भी है। उनका संदेश साफ है कि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण तो निश्चित समय सीमा में पूरा होना ही है, इसके साथ ही देश के चौमुखी विकास की दिशा में भी तेजी से भी आगे कदम बढ़ाना है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य साहस और विलक्षण कार्यशैली के धनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण का जो सपना संजोए रखा है ,उसे पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार के आगे के कार्यकाल में स्वर्णिम उपलब्धियों की श्रंखला में निरंतर नई कड़ियां जोड़ने का सिलसिला वे जारी रखेंगे। (लेखक IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और डिज़ियाना मीडिया समूह के राजनैतिक संपादक है)