ग्रामीण व शहरी विकास की रेंगती व्यवस्था से नागरिकों को सुविधाओं से निरंतर वंचित होना पड रहा है। 

अजय कुमार वर्मा

लखनऊ 21 अक्टूबर। आज योजना भवन के कक्ष संख्या 111 में एन0के0 सिंह की अध्यक्षता वाले पन्द्रहवे वित्त आयोग की आयोजित बैठक में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी और प्रदेश मीडिया प्रभारी जावेद अहमद ने आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों को महत्पूर्ण सुझावों से अवगत कराते हुये 5 सुत्रीय एक मांग पत्र भी सौंपकर राष्ट्रीय लोकदल का पक्ष रखा।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने सौपे गये मांग पत्र में कहा कि उ0प्र0 में सामाजिक विकास के वर्तमान संकेतांक बेहद चुनौती पूर्ण हैं। राजकोषीय घाटा निरंतर बढता जा रहा है। ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पारिवार कल्याण, सिचाई एवं बाढ नियंत्रण, रोजगार, विद्युत क्षेत्र में ट्रान्समिशन लास तथा महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों पर स्थितियां सर्वाधिक रोगग्रस्त हो चुकी हैं। उ0प्र0 में प्राथमिक/मुख्य चिकित्सा केन्द्रों व जनपदीय चिकित्सालयों की स्थिति गम्भीर अवस्था में है। शिक्षा क्षेत्र भी इस रोग से पीडि़त है। परिवहन व बुनियादी ढांचे की हालत भी अत्यंत दयनीय होने के कारण सामाजिक विकास का संतुलन असंतुलित हो चुका है। विद्युत क्षेत्र में ट्रान्समिशन लास व बेरोजगारी के आंकडे राष्ट्रीय औसत से अधिक हो चुके हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष मीडिया प्रभारी जावेद अहमद ने बैठक के दौरान अपने वक्तव्य में कहा कि देष की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के कारण वर्तमान समय में सामाजिक विकास के संतुलन को बनाये रखने की अत्यधिक आवष्यकता है। अपेक्षित संसाधनों के अभाव व उपलब्ध संसाधनों का सकारात्मक उपयोग न होने के कारण विकास की दौड में उ0प्र0 निरन्तर पिछड़ता जा रहा है। ओलावृष्टि, वर्षा, सूखा व दैवीय आपदाओं की मार प्रदेष के कृषको पर समय समय पर पडती रहती है नगर पंचायतों/नगर पालिकाएं भी संसाधनों का उचित उपयोग करने में असफल रही हैं। ग्रामीण व शहरी विकास की रेंगती व्यवस्था से नागरिकों को सुविधाओं से निरंतर वंचित होना पड रहा है।
वित्त आयोग को सौंपे गये मांग पत्र में नेता द्वय ने मांग की कि उ0प्र0 के विकास के लिए केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढाने के साथ विषेष अवसर के सिद्वान्त के अन्र्तगत अन्य संसाधनों की उपलब्धता बढाने की दिषा में सहयोग प्रदान किया जाय, विद्युत क्षेत्र में ट्रान्समिषन लास की बडी समस्या का प्रभाव विद्युत उपभोक्ताओं पर पड रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति व कृषि क्षेत्र में सब्सिडी व कनेक्षन के लिए पारदर्षी व्यवस्था सुनिष्चित कराने के साथ वर्तमान में लगे तेज रफ्तार से भागने वाले स्मार्ट मीटरों के स्थान पर गुणवत्ता पूर्ण मीटरों की व्यवस्था सुनिष्चित की जाय, राजकोषीय घाटे के नाम पर किसानों, युवाओं, व्यापारियों, लघु एवं मध्यम उद्यमियों पर किसी भी प्रकार का बोझ न डाला जाय, षिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, नगर व ग्रामीण विकास, परिवार कल्याण, सिचाई बाढ नियंत्रण, महिला संषक्तीकरण आदि के लिए अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था की जाय, अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग सहित अल्पसख्यक समुदाय के विकास के लिए वर्तमान संसाधन पर्याप्त नहीं है अतः इसमें बढोत्तरी अपेक्षित है।
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