शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है – राज्यपाल

लखनऊ विश्वविद्यालय का 62वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

लखनऊः 15 अक्टूबर, 2019।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है। शिक्षा न केवल मनुष्य का अधिकार है, बल्कि जीवन के विभिन्न आयामों में संतुलन बनाये रखने का साधन है। लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों का नाम दुनिया में सम्मान से लिया जाता है। देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि बेटियों का सम्मान होना चाहिए, तभी हमारा देश एक अच्छा भारत बनेगा।

यह विचार राज्यपाल ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय के 62वें दीक्षान्त समारोह में छात्र-छात्राओं को पदक प्रदान करने के उपरान्त व्यक्त किये। इस अवसर पर राज्यपाल ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा0 राजीव कुमार व चन्द्रयान-प्प् मिशन की निदेशक डा0 रितु करिधाल को मानद उपाधि से सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि देश में कम ही ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिनके पास सौ साल से ज्यादा की शैक्षिक विरासत है, लखनऊ विश्वविद्यालय उनमें से एक है। इस विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा देश के सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करना इसकी विशिष्ट क्षमता का परिचायक है। भारत के उत्कृष्ट पुरस्कारों में से 02 पद्म विभूषण, 04 पद्म भूषण एवं 19 पद्मश्री पुरस्कारों के साथ-साथ बी0सी0राय और शान्ति स्वरूप भट्नागर पुरस्कार भी यहां के छात्रों ने प्राप्त किये हैं। राज्यपाल ने मेडल पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आगे की पढ़ाई भी मेहनत से करंेगे तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं अपने आस-पास के क्षेत्र में एक बेटा या एक बेटी को पढ़ाने में सहयोग करेंगे तो समाज मेें अच्छा संदेश जायेगा।

श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुद्रा योजना सहित विभिन्न योजनाओं को संचालित कर गरीब एवं पात्र लार्भािर्थयों को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है। पूरे देश में स्वच्छता का कार्यक्रम संचालित करते हुए स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय बनवाने का काम भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। राज्यपाल ने ‘पढ़े लखनऊ बढ़े लखनऊ’ अभियान के सफल आयोजन के लिये लखनऊ विश्वविद्यालय को बधाई दी, जिसमें 09 लाख 70 हजार छात्र-छात्राओं ने एक साथ पुस्तकें पढ़कर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया था।
उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षान्त समारोह विद्यार्थियों के लिए विशेष अवसर होता है। वर्तमान सरकार द्वारा कौशल विकास के माध्यम से शिक्षा व रोजगार दिये जाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न प्रकार के नये पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
मुख्य अतिथि एवं नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा0 राजीव कुमार ने कहा कि मानद उपाधि देने के लिए मैं लखनऊ विश्वविद्यालय का अनुगृहीत हूँ। आज हमारे देश पर पूरी दुनिया की नजर है। उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी पर देश को आगे ले जाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारीगण, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं तथा उनके अभिभावक आदि भी उपस्थित थे। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। दीक्षान्त समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पुस्तक व उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय का तीन वर्षीय यात्रा व लखनऊ विश्वविद्यालय शैक्षिक कैलेन्डर की पुस्तक का विमोचन भी किया।
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