मुख्यमंत्री साहब ! यह कैसा विकास, सरकारी योजनाओं का हो गया बंदरबांट

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मिलने वाली छत अमीरों की झोली में, पात्रों को अपात्र बनाकर जेबे भर रहे संबंधित अधिकारी

एसके सोनी
रायबरेली 11 अक्टूबर। सदियों से सरकारें आती और जाती रही हैं सभी सरकारें गरीबों की योजनाओ और किसानों के हित में बात करके कुर्सी हासिल करती हैं लेकिन विडंबना है कि सरकार की योजनाएं जमीनी हकीकत पर उतरने के पहले ही संबंधित अधिकारियों के भेंट चढ़ जाती है। सरकार के विराजमान नौकरशाह उन योजनाओं में ऐसा पलीता लगाते हैं कि जो पात्र हैं उनके नसीब में सरकार की योजनाएं तो नहीं आती है लेकिन जो अपात्र हैं उनकी झोली में सरकार की योजनाएं पहुंच जाती है। इस तरह की भ्रष्टाचार की पोल जनपद नसीराबाद विकासखंड छतोंह में देखने को मिल रहा है जहां कई ऐसे पात्र लोग हैं जिन्हें अपात्र दिखाकर उनकी जगह पर सरकार की योजनाएं अमीरों की झोली में दे दी गई। जिसमें अधिकतर संबंधित अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के तहत बड़ा खेल किया है अपात्र आज भी टूटे मकानों में रहने के लिए मजबूर हैं वहीं पक्की छत और चौपहिया से घूमने वाले लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दे दिया गया। यही नहीं सरकार की लाभ पाने वाले लोगों में जिनके पास तमाम खेती वह संपन्न लोग शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ ऐसे आवास अमीरों की झोली में दे दिए गए हैं जिन आवासों के नाम पर किसी पात्र को दिखाकर पूरी की पूरी किस्त अदा कर ली गई है यह खेल ग्राम ग्राम प्रधान व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से होना बताया जा रहा है जहां अमीरों से मोटी रकम लेकर पात्र लोगों को दरकिनार कर दिया गया। नतीजा आज भी सरकार की योजनाओं को पाने वाले लोग छप्पर व गिरे कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हो रहे हैं। विदित हो कि यह यही विकास खंड छतोह है जिसे चमन बनाने की बात किसी समय स्वर्गीय राजीव गांधी ने अपने कई घंटे चले भाषण के दौरान कही थी खैर यह तो गांधी परिवार के बोल थे लेकिन आज सबका साथ सबका विकास का दम भरने वाली भाजपा सरकार में तमाम पात्रों द्वारा शिकायत पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार की पोल खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन उन्हें सिर्फ जांच का आश्वासन देकर टाल दिया जाता है। विकासखंड छतोह का आलम यह है कि नाली खड़ंजा सड़कें सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए जा रहे हैं आवाज आधे अधूरे बना कर छोड़ दिए गए हैं। यही नहीं विडंबना है की जांच उन्हीं लोगों को दी जाती है जिन्होंने इस पूरे भ्रष्टाचार में खेल को अंजाम देते हैं।

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