
– CSA का 21 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
– CSA के वैज्ञानिक समय की जरूरतों के अनुसार कृषि की लागत कम करने के उपायों पर शोध को बढ़ावा दें – श्रीमती आनंदी बेन पटेल
अजय कुमार वर्मा

कानपुर नगर 09 अक्टूबर । आज सीएसए के 21 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर उ0प0 की राज्यपाल मा0 श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कैलाश भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित भव्य कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह वहाँ के छात्र/छात्राओं के लिए एक पर्व है। 701 छात्र/छात्राओं को उपाधियां वितरित किया जाना गर्व की बात है। 42 छात्र छात्राओं को गोल्ड,सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल मिलना प्रशन्नता की बात है। मा0 राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इस बात पर हर्ष प्रकट किया कि आज महिलाएं कृषि शिक्षा के क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर आगे आ रहीं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित रखते हुए टेक्नोलॉजी का उपयोग मानवता की बेहतरी के लिए करना समय की मांग है। आज जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए भूजल के दोहन,रसायन व कीटनाशकों के संतुलित उपयोग की जरूरत है। CSA के कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में पहल करें। ऐसा करने से प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा। जल संरक्षण के लिए उप में प्रबंधन को और चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है।

मा0 राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि “सामाजिक बुराइयों ” को दूर करने के लिए भाषण से नहीं बल्कि नेताओं के घर से इन बुराइयों को समाप्त करने की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कक्षा 6,7 एवं 8 में पढने वाले बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।बेटियों से भेदभाव न किया जाए। उन्होंने छात्र/छत्राओं से अपील करते हुए कहा कि शादी में दहेज ना लें और ना दें। शिक्षा का लाभ समाज को मिले,इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल संरक्षण/पर्यावरण विद राजेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाने के नाम पर प्रकृति का शोषण व अंधाधुंध दोहन बंद करना होगा। प्रकृति का और क्षरण रोकना अपरिहार्य बन चुका है। फसल चक्र को वर्षा चक्र से लिंक करना अतिआवश्यक है। आधुनिक शोधों को अपने परिवेश के अनुकूल ढाल कर उपयोग में लाना लाभप्रद होगा। कार्यक्रम में सीएसए के कुलपति डॉ सुशील सोलोमन ने अपने विचार व्यक्त किये।
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