तमकुहीराज से दो बार के विधायक अजय कुमार लल्लू उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष होंगे।
हर पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जबाबदेही तय, पिछली कमेटी की अपेक्षा दस गुना छोटी है नई कमेटी
पिछली कांग्रेस कमेटी लगभग 500 लोगों की थी, लेकिन नई कमेटी लगभग40-45 लोगों की है। नई कमेटी के हर पदाधिकारी की खास जिम्मेदारी और जबाबदेही पहले से तय है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युवाओं को मौका और वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति को मार्गदर्शन की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जहाँ युवाओं को कमान मिली है। तो दूसरी तरफ 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति भी गठित की गई है। जिसकी अध्यक्षता स्वयं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी।
इसके अतिरिक्त एक 8 सदस्यीय रणनीति ग्रुप भी बनाया गया है जिसमें तेजतर्राक अनुभवशाली नेताओं को रखा गया है।
कमेटी की औसत आयु लगभग 40 साल है। यानि कि कांग्रेस हाई कमान ने उत्तर प्रदेश में अपना भरोसा नौजवानों पर जताया है। साथ ही साथ वरिष्ठ नेताओं को भी स्थान दिया है। युवाओं को प्रतिनिधित्व देने का संकेत उपचुनाव की रणनीति से साफ हो गया था कि कांग्रेस महासचिव की पसंद नौजवान लीडरशिप में है। कांग्रेस ने उपचुनाव में युवाओं को मौका दिया अब संगठन में भी युवा नेतृत्व को मौका मिला है।
*जातीय दबदबा नहीं बल्कि समावेशी जातीय समीकरण*
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जातीय समावेशी फार्मूले को साधा गया है। कमेटी में लगभग 45 फीसदी पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। पिछड़ी जाति में भी हशिए पर खड़ी अतिपिछड़ी जातियों पर ज्यादा फोकस किया गया है।
दलित आबादी को करीब 20 फीसदी का नेतृत्व दिया गया है। इस नेतृत्व में प्रभुत्वशाली दलित जातियों के अलावा अन्य जातियों को भी नेतृत्व का मौका मिला है। मुस्लिम नेतृत्व करीब 15 फीसदी है। जिसमें पसमांदा मुस्लिम कयादत पर भी जोर दिया गया है। नई कांग्रेस कमेटी में लगभग 20 फीसदी सवर्ण जातियों का प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस ने जातीय समीकरण को समावेशी जातीय प्रतिनिधित्व के फार्मूले से साधने की कोशिश की है। कमेटी में महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।
*जमीनी नेताओं और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को तहरीज*
नई कमेटी में जनाधार वाले संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जगह मिली है। जिसमें कई नए चेहरे भी शामिल हैं। कांग्रेस के नए संगठन से साफ-साफ दिख रहा है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें जनांदोलनों से खाली नहीं होंगी। कांग्रेस महासचिव ने भी सोनभद्र, उन्नाव और शाहजहांपुर कांड में अपनी सक्रियता दिखाकर पहले ही साफ कर दिया था कि आने वाली कांग्रेस सड़कों पर लड़ती दिखेगी।
*महीनों मंथन, साक्षात्कार और संवाद और जमीनी रिपोर्ट पर तैयार हुई है नई कमेटी*
सूत्र बताते हैं कि लगभग चार माह से कांग्रेस की कई टीमें उत्तर प्रदेश की खाक छान रहीं थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं, नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करके सलाह मशविरा ले रहीं थीं। उत्तर प्रदेश में छः राष्ट्रीय सचिव लगातार पूरे प्रदेश का भर्मण कर रहे थे। प्रियंका गांधी के टीम के लोग जिले -जिले घूमकर जमीनी पड़ताल कर रहे थे।