लखनऊ, दिनांकः 05 अक्टूबर, 2019।निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्तर प्रदेश श्री एस0बी0 शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष भर कृषि एवं औद्यानिक उत्पादन की उत्पाद की उपलब्धता एवं औद्योगिकीकरण तथा पर्यटन उद्योग के विकास की पृष्ठभूमिक में जहां एक जहां एक ओर बड़े-बड़े होटलों तथा कैटरीन संस्थानों का विस्तार हो रहा है वहीं दूसरी ओर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित हो रहे हैं कैटरिंग संस्थानों में एवं खाद्य प्रशासन उद्योगों को तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों को खाद्य विज्ञान संबंधी विधाओं में प्रशिक्षण देकर वर्तमान आवश्यकता की पूर्ति की जाती है।
श्री शर्मा ने बताया कि इसके लिए प्रदेश के 10 बड़े नगरों वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, कानपुर, अयोध्या, आगरा, बरेली तथा मुरादाबाद में एक-एक राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित हैं। इन केंद्रों पर एक वर्षीय टेªड डिप्लोमा के खाद्य प्रसंस्करण में 150 एक वर्षीय ट्रेड डिप्लोमा, ब्रेकरी एवं कन्फैक्शनरी में 150, एक वर्षीय ट्रेड डिप्लोमा पाक कला में 150 एक मासीय अंशकालीन बेकरी एवं 310 एक मासीय अंशकालीन, पाक कला में 250, एक मासीय सम्मिलित पाठ्यक्रम कुकरी बेकरी एवं कन्फेक्शनरी तथा खाद्य संरक्षण में 500 कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि माह अगस्त 2019 तक एक वर्षीय डिप्लोमा सत्र 2019-20 के विभिन्न टेडों यथा खाद्य संरक्षण में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 150 लोगों को, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी टेªड में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 145 एवं पाक कला ट्रेड में 150 लक्ष्य के सापेक्ष 145 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा एक मासीय प्रशिक्षण के विभिन्न ट्रेडों यथा बेकरी एवं कन्फेक्शनरी में 310 के सापेक्ष 143, कुकरी, पाक कला में 250 के सापेक्ष 125 तथा सम्मिलित कोष में 500 के सापेक्ष 110 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।