लखनऊ, दिनांकः 04 अक्टूबर, 2019
उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा गोमती नगर, लखनऊ स्थित, इन्दिरा गाॅधी प्रतिष्ठान में आयोजित खादी महोत्सव-2019 का आज तीसरा दिन है। प्रदर्शनी में विभिन्न स्टालों पर विषिश्ट उत्पादों की एक लम्बी श्रृंखला मौजूद हैं। कुर्ता-पैजामा, ऊनी जैकेट,ऊनी /रेशमी सदरी, कश्मीरी शालें, रेशमी साड़ियाँ, ड्रेस मेटेरियल, ऊनी चादर, कम्बल, आसन, दरियाँ, रजाई के खोल, तकियाँ, गाँधी झोले, शुद्व-शहद एवं विभिन्न प्रकार के चप्पल, जूते-जूतियाँ, पर्स, बेल्ट, हाथी के दाँत से बने विभिन्न उत्पाद, मिटटी से बने बर्तन व घरेलू सजावटी सामान, सहारनपुर के लकड़ी पर आकर्शक नक्काशी के फर्नीचर एवं आंॅवले से बनी विभिन्न वस्तुएं आदि वस्तुएं उपलब्ध हैं।
स्वराज्य आश्रम सर्वोदय नगर कानपुर द्वारा पण्डाल में खादी की शर्ट, लुंगी, अंगोछा, मर्सलीन, धोती, कम्बल, रजाई, ऊनी गाउन, ऊनी षाल, चादर इत्यादि उपलब्ध हैं। पुष्पांजली एवं शताक्षी ग्रामोद्योग संस्थान प्रतापगढ़ के उत्पाद में आँवला की मिठाई, चटनी, मुरब्बा, त्रिफला चूर्ण तथा जायका संस्थान, लखनऊ द्वारा नीबू, आम व लहसुन आदि से निर्मित अचार की बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी की। बिहार से आये कर्ण सिल्क खादी समिति द्वारा खादी के विभिन्न पारम्परिक वस्त्र जैसे-सलवार-सूट, साड़ी आदि की बिक्री बड़े पैमाने पर हुई। भूमि कच्ची घानी, बुलन्दशहर की इकाई द्वारा निर्मित सरसों का तेल भी लोगो को खूब भाया। खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनी में अब तक लगभग रू0 17.65 लाख की बिक्री हो चुकी है।
प्रदर्शनी में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में आज का मुख्य आकर्शण रहा जादूगर राकेश श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत जादू के हैरतअंगेज कारनामे- देखते ही देखते अचानक लड़की गायब हो गयी, एक साथ कई तलवारे उसके आर-पार हो गयी, जिसे देखकर बच्चे व बड़ो ने दातो तले उॅगली दबा ली। इसके अलावा जादूगर राकेश व उनके साथियों द्वारा ‘‘खादी बनाये, खादी अपनाये’’ पर भी अपने अदांज में रोचक प्रस्तुति दी और प्रदर्शनी में मौजूद दर्शको की तालियाॅ बटोरी। इसके अतिरिक्त अन्य रंगारंग कार्यक्रमों में राजस्थानी लोक नृत्य ‘‘रंगीलों मारों ढोलना रे’’ पर कलाकारों द्वारा सुन्दर नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
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