लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने घिसटते-घिसटते अपना आधा कार्यकाल पूरा कर लिया है। ये बात अलग है कि इस बीच एक काम भी नहीं हुआ है। अब तक समाजवादी पार्टी के कामों पर ही अपना नाम लगाने के अलावा भाजपा सरकार की अपनी एक भी योजना सामने नहीं आई है। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के लिए अभिशाप बन गयी है, किसान, गरीब, नौजवान, अल्पसंख्यक, व्यापारी, महिलाएं सभी परेशान हैं। भाजपा काम के बजाय थोथे वादे और झूठी घोषणाएं करने में ही लगी रही हैं। भाजपा सरकार राज्य को अगर वहीं छोड़ देती जहां समाजवादी सरकार के समय विकास हुआ था तो भी एक बड़ी उल्लेखनीय उपलब्धि होती।
भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के लिए अभिशाप बन गयी है, किसान, गरीब, नौजवान, अल्पसंख्यक, व्यापारी, महिलाएं सभी परेशान हैं -अखिलेश यादव
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भाजपा ने बापू का नाम जपते हुए उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जिन्हें राष्ट्रपिता मानने से ही उसके नेता इंकार कर चुके हैं। विधानमण्डल का 36 घंटे तक सत्र चलाने का क्या औचित्य और उपलब्धि है? जनता को इसकी प्रासंगिकता से अवगत कराना लोकतंत्र में आवश्यक है। जनता को इसे जानने का हक है।
भाजपा ने गांधी जयंती पर स्वच्छता अभियान पर ‘खुले में शौच‘ मुक्त करने का दावा किया है। वस्तुतः शहर या गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित करने का घोटाला ही देशव्यापी झूठ है, जो बोला जा रहा है और कागजों में दिखाया जा रहा है। कांग्रेस ने एक गड्ढे का तो भाजपा ने दो गड्ढे का शौचालय बना कर ही अपना ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया है। जब हर गांव में पेयजल तक उपलब्ध नहीं है तो भला शौचालय के लिए पानी कहां से आएगा?
उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बाढ़ का कहर है। इंसान और जानवर दोनांे की जिंदगी संकट में है। सरकारी राहत कार्यों का अता-पता नहीं है। बाढ़ के पानी के उतरते ही संक्रामक रोग फैलते हैं। अस्पतालों में न डाक्टर हैं और नही दवाएं हैं। न नए मेडिकल कालेज खुले हैं। भाजपा सरकार पूर्वांचल में जापानी बुखार, डेंगू बुखार, फाइलेरिया, मलेरिया जैसी बीमारियों से प्रदेश को मुक्त करने के दावे कर रही है जबकि अस्पतालों में इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही है। स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह फ्लाप है। गन्ना किसानों का बकाया अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की कहीं गिनती नहीं हो रही है। महिलाओं की स्थिति में सरकार बताए कितना सुधार हुआ है? असत्य फैलाने में लगे भाजपाइयों के मुंह से बापू के आदर्शों की चर्चा बेमानी है।
एक तरफ विकास का सपना तो दूसरी तरफ डूबता विश्वास। भारत को प्रगतिशील कौन बनाएगा जबकि युवा बेरोजगारी में अवसाद भरा जीवन जी रहे हैं। किसान को फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। बदहाली में उसे फांसी का फंदा ही परेशानियों से छुटकारा दिलाता है। भाजपा सरकार इस सच्चाई से भाग सकती है कि उसने उत्तर प्रदेश को हत्या प्रदेश बना दिया है। उद्योगधंधे बंद हो रहे है। नौकरियों की छंटनी हो रही है। मंहगाई से सभी त्रस्त हैं।
भाजपा ने वैचारिक प्रदूषण इस हद तक फैला दिया है कि पर्यावरण का संकट उपस्थित हो गया है। लोकतंत्र में इतना बड़ा धोखा भाजपा ने किया है कि कोई विकास तो हुआ ही नहीं। कानून व्यवस्था का संकट उत्पन्न हो गया है।
मुख्यमंत्री जी पता नहीं कैसे और किस आधार पर दावा करते हैं कि मातृ-शिशु में कुपोषण और मृत्युदर पर नियंत्रण हो गया है और आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है। जबकि बच्चों को बैग, जूते-मोजे और स्वेटर देने का प्राविधान समाजवादी सरकार ने किया था। मिड-डे-मील में फल और दूध भी दिया जाना था। भाजपा ने सब पर विराम लगा दिया।
इससे बड़ा इस सदी का असत्य नहीं हो सकता है कि भाजपा सरकार से पहले प्रदेश के किसी शहर में मेट्रो नहीं थी, लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद में उनके समय ही मेट्रो सेवा शुरू हुई। प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है कि मेट्रो की शुरूआत समाजवादी सरकार में ही हुई थी। जेवर का एयरपोर्ट बनाने की योजना भी तभी बनी थीं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शुरूआत समाजवादी सरकार ने की थी।
भाजपा सरकार के समय 108, 102 एम्बूलेंस सेवा, 100 नं0 यूपी डायल, 1090 वूमेनपावर लाइन सेवाएं, बर्बाद हुई हैं जिन्हें शानदार तरीके से समाजवादी सरकार ने शुरू किया था और जिनकी प्रशंसा विदेशों तक में हुई थी। 302 किमी. लम्बा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर तो युद्धक विमान तक उतारे जा चुके हैं। गेहूं, धान, मक्का की खरीद के दावे भी थोथे हैं क्योंकि उनके खरीद केंद्रो का ही पता नही है। भाजपा सरकार को इन तमाम मुद्दों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में कहां खड़ा है? भारत की स्थिति विश्वस्तर पर किस पायदान पर है? गरीबी उन्मूलन के लिए क्या किया गया है? बेकारी कितनी कम हुई है? कृषि और किसानों की स्थिति में कितना सुधार हुआ है?
लोकतंत्र में सत्तारूढ़ दल की स्तरहीन भाषा का प्रयोग दुःखद है। विपक्षी नेताओं के बारे में सतही और अनर्गल आरोप लगाना लोकलाज की अनदेखी करता है। बेहतर होता मुख्यमंत्री जी गांधी जी के नाम पर बुलाए गए इस अधिवेशन में कुछ आत्मचिंतन भी करते और बताते कि उनकी नफरत की राजनीति ने कितनी बर्बादी की है। भारत का संविधान है तो फिर उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक भयभीत क्यों हैं? बच्चियां क्यों डरी हुई हैं? नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों से खिलवाड़ कब तक जारी रहेगा? नागरिकों को भाजपा की अपनी अकर्मण्यता का जवाब देना ही होगा। भाजपा सरकार अगर ईमानदार है तो उसे यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि जो भी विकास कार्य राज्य में हुए हैं उन्हें समाजवादी सरकार ने ही किया था और भाजपा भविष्य में उन पर अपना दावा नहीं ठोंकेगी। भाजपा को गांधी जी के जन्मदिवस पर सत्य बोलने का साहस दिखाना चाहिए।