अयोध्या।
सुप्रीम कोर्ट में जहां मंदिर-मस्जिद केस की सुनवाई अंतिम पड़ाव पर है, वहीं अखिल भारतीय मुस्लिम फोरम का एक 6 सदस्यीय दल मंगलवार को आपसी सुलह से इस विवाद के हल की संभावनाओं को तलाशने धार्मिक नगरी पहुंचा। फोरम के फॉर्मूले के मुताबिक, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां राम मंदिर बन जाए। अलग स्थान पर मस्जिद के लिए भी भूमि दी जाए। इससे अयोध्या से प्रेम, सद्भाव व आपसी भाईचारे का संदेश सारी दुनिया में जाएगा।
अखिल भारतीय मुस्लिम फोरम के डेलिगेशन ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष व जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण सहित कई अन्य संतों से मुलाकात की। बीच का रास्ता निकले इसलिए 10 हजार पत्रकों पर लोगों से दस्तखत करवाकर कोर्ट को सौंपा गया है, इसकी जानकारी दी।
डेलिगेशन में पूर्व एमएलए मुईद अहमद, एडवोकेट अमीर हैदर, पूर्व कस्टम कमिश्नर तारिक गौरी, पूर्व जज बीडी नकवी, सामाजिक कार्यकर्ता वहीद सिद्धकी, सीआरपीएफ के पूर्व आईजी आफताब अहमद खां ने महंत जनमेजय शरण के साथ पक्षकार व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े के वकील रणजीत लाल वर्मा, नागा राम लखन दास सहित कई अन्य संतों से मुलाकात की। दोनों ही तरफ के लोगों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने इस बात की वकालत भी की।