प्रदेश ब्यूरो।
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में योगी और भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहले अपने संगठन को कसना की कवायद शुरु की है। कांग्रेस के नामचीन नेताओं को छोड़कर प्रियंका इस बार यूपी में नया प्रयोग करने जा रही हैं। यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के विधायक अजय कुमार लल्लू नये प्रदेश अध्यक्ष होंगे और साथ ही संगठन में नौजवानों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रियंका गांधी की टीम से मिले संकेतों के मुताबिक आन्दोलनकारी और नौजवानों को नयी कांग्रेस कमेटी में जिम्मेदारी दी जाएगी। पहली बार एसा होगा कि कांग्रेस की यूपी कमेटी में कई चिर परिचित चेहरे गायब मिलेंगे और उनकी जगह नये लोगों के हाथ कमान होगी।
एक नजर अगर लल्लू के राजनैतिक कैरियर पर डालें तो यह साल था 2007, कुशीनगर के आजादनगर कस्बे में एक नौजवान निर्दल उम्मीदवार के तौर पर उतरा यह नेता पहले चुनाव में खेत रहा और दिल्ली जाकर दिहाड़ी मजदूर के तौर पर रोजी रोटी कमाने लगा। हालांकि उनका लगातार क्षेत्र के लोगों से संपर्क बना रहा और जल्दी ही वो फिर से कुशीनगर की सड़को पर लाठियां खाते आंदोलन करते दिखने लगें। इसके बाद 2012 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने भी अजय कुमार लल्लू पर भरोसा जताया और टिकट दे दिया। इस चुनाव में वो जीते और अब दूसरी बार विधायक हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस हाशिये पर खड़े समुदाय पर फोकस कर रही है | अजय कुमार लल्लू खुद कान्दू जाति से आते हैं। इसी तरह उत्तर पदेश की कमेटी भी सामाजिक संतुलन और समावेशी जातीय समीकरणों के आधार पर तैयार हुई है| जिसका असर सडकों पर जनांदोलनों और चुनावी राजनीति में साफ़-साफ़ दिखेगा| संगठन में लल्लू के सहयोगियों को तौर पर नौजवान और आन्दोलनधर्मी कार्यकर्ता प्रियंका की पहली पसंद हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की मानें तो नई कांग्रेस कमेटी में नौजवान और लड़ाकू कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिली है| जिसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उपचुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नौजवान उम्मीदवार उतारा है| सूत्रों की माने तो अब यह संगठन में भी दिखने जा रहा है|
प्रियंका गांधी का ओर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर लल्लू का नाम सामने लाने के बाद मीडिया में चल रहे तमाम नामों पर चर्चा ठप्प हो गयी है। सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश में कई नाम चल रहे थे लेकिन प्रियंका गाँधी का भरोसा एक ऐसे कार्यकर्ता में बना जोकि उत्तर प्रदेश में रहता हो| आन्दोलन धर्मी हो और लोगों के सुख-दुःख का हिस्सेदार हो|
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पितृपक्ष के तुरंत बाद पहले प्रियंका गांधी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का नाम घोषित करेंगी और उसी के साथ छोटी सी प्रदेश कमेटी का भी एलान होगा। पहली बार प्रियंका गांधी ने यूपी के जिलों में अपनी टीम भेज कर जिला व शहर अध्यक्षों के चयन की कवायद पूरी की है। पहले चरण में जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के 35 जलों के पदाधिकारियों के नाम घोषित होगा वहीं बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नामों को एलान होगा। प्रियंका गांधी की योजना प्रदेश में कांग्रेस के पुनर्गठन के तुरंत बाद सीधे मैदान में उतरने की है। इसके तहत ताबड़तोड़ आंदोलन व जनसंपर्क की रणनीति पर अमल किया जाएगा।