लखनऊ।लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर उपवन घाट हर साल की तरह इस वर्ष भी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को महिलओं द्वारा मातृ नवमी तर्पण किया गया। सोमवार को प्रातः 8 बजे मनकामेश्वर उपवन घाट पर आचार्य श्रीराम अवस्थी ने सम्पूर्ण विधि-विधान से महिलाओं एवं श्रद्धालुओं से मातृ-नवमी तर्पण करवाया। तर्पण करने के लिए जौ, धान, गेहूँ, मूँग, जल आदि का प्रयोग किया गया। इस अवसर पर मनकामेश्वर मठ-मन्दिर की श्रीमहन्त देव्यागिरि ने “श्राद्ध पक्ष में नवमी तिथि का धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि “इस दिन लोग अपनी मृतक मां या परिवार की ब्रह्मालीन महिलाओं का श्राद्ध कर्म करते हैं। जिन लोगों के परिवार में नवमी के दिन किसी की मृत्यु हुई थी उनके नाम पर आयोजन करवाया जाता है और उन पितरों की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शान्ति मिलती है और वो मुक्त हो जाते हैं”श्राद्ध से प्रसन्न पितरों के आशीर्वाद से सभी प्रकार के सांसारिक भोग और सुखों की प्राप्ति होती है।
आत्मा और पितरों के मुक्ति मार्ग को श्राद्ध कहा जाता है। मान्यता यह भी है कि जो श्रद्धापूर्वक किया जाए, वही श्राद्ध है। पितृगण भोजन नहीं बल्कि श्रद्धा के भूखे होते हैं। वे इतने दयालु होते हैं कि यदि श्राद्ध करने के लिए पास में कुछ न भी हो तो दक्षिण दिशा की ओर मुख करके आँसू बहा देने भर से ही तृप्त हो जाते हैं।”इसअवसर पर नीलम तिवारी, उपमा पाण्डेय, गीता कश्यप, ज्योति, सुषमा,संगीता यादव, लक्ष्मी देवी, उर्मिला देवी, सुमन शुक्ला, सुमन मिश्रा, मंजू देवी, पूजा कश्यप आदि महिलाओं ने सम्पूर्ण मनोभाव से तर्पण किया।मठ-मंदिर की ओर से आदित्य मिश्रा, नीरज निषांत, शिवा एवं नीरज उपस्थित रहे।