प्रयागराज- लवकुश शर्मा।
हंडिया- हंडिया थाना क्षेत्र के लाक्षागृह गांव में पांडवों के रहने का अवशेष मिले है। पैराणिक धर्मस्थल लाक्षागृह वह धर्म स्थल है जहां महाभारत में पांडवों के रहने का स्थान बताया गया है महाभारत में कहानी यह है कि दुर्योधन के आदेश पर पांडवों को जलाकर मारने के लिए कौरवों को भेजा गया था।कौरव शिल्पकार त्रिलोचन द्वारा लक्खा भवन का निर्माण किया गया था जिसमें पांडव रहा करते थे जो आज लाक्षागृह के नाम से जाना जाता है ।जिसमें पांडवों को मारने के लिए कौरवों द्वारा योजना बनाई गई थी और उन्हें लक्खा भवन में बंद कर जलाकर मार दिया जाएगा और ऐसा हुआ भी था पांडवों को लक्खा गृह में बंद करके आग लगा दिया गया था लेकिन पांडवों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए गुप्त मार्ग से यहां से प्राण बचाकर भाग गए थे। वही लक्खा गृह जिसका नाम अब लक्षागृह है । लक्षागृहा गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है गंगा नदी के तट पर स्थित है मिट्टी के टीले में बरसात की वजह से मिट्टी कटने से वहां पर कुछ पैराणिक अवशेष मिले हैं जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह पांडवों के रहने का लक्खा गृह का गुप्त मार्ग है ।मिट्टी कटने के उपरांत यहां पर एक पत्थर दिखा और जब ग्राम वासियों ने पत्थर को देखना चाहा और उसे साफ करने लगे तो यहां पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह कोई निकास द्वार हो यह 5 फीट से भी ज्यादा लंबा और 1 फीट चौड़ा है कयास लगाए जा रहे हैं कि यह और भी लंबा हो सकता है अभी पूरी तरह उसकी खुदाई नहीं हो पाई है ग्रामीणों का कहना है कि पुरातत्व विभाग आए और इसकी खोज करें और जो महाभारत में कहानी बताई गई है वह सत्य साबित होता दिखाई दे रहा है खबर मिलने से पूरे गांव में एक प्रकार से खुशी का माहौल है और जिसे देखने के लिए दूर-दूर से ग्रामीण आ रहे हैं।