गुवहाटी।केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे असम पहुंचे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की रिपोर्ट जारी होने के बाद अमित शाह की यह पहली असम यात्रा है। उन्होंने आज गुवहाटी में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद के 68 वें पूर्ण सत्र में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371 एक विशेष प्रावधान है। भाजपा सरकार अनुच्छेद 371 का सम्मान करती है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं करेगी।
बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूर्वोत्तर के लोगों को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं अनुच्छेद 371 को भी कहीं केंद्र सरकार न हटा दे, लेकिन गृह मंत्री के इस बयान के बाद अब इस पर विराम लग गया है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि बब्रुवाहन हो या घटोत्कच हो, दोनों नॉर्थ ईस्ट के थे।अर्जुन की शादी भी यही मणिपुर में हुई थी। कृष्ण के पोते का विवाह भी नॉर्थ ईस्ट मे हुआ था।
एनईसी के बैठक में हिस्सा लेंगे
बता दें कि एनआरसी के अंतिम लिस्ट जारी होने के बाद से राज्य के लोगों में काफी बेचैनी है इस लिस्ट में तकरीबन 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। अमित शाह इस दौरे पर गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल (एनईसी) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसमें वे आठ राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात करेंगे। यह बैठक चार अगस्त को होनी थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला लिया था इस वजह से शाह को दौरा रद करना पड़ा था।
शाह का यह दौरा काफी अहम
बता दें कि असम में भाजपा कि सरकार है. हिमंत विस्वा शर्मा समेत राज्य के कई नेता एनआरसी के ताजा मसौदे से खुश नहीं हैं. उन्होंने इसे लेकर नाराजगी भी जाहिर की है. ऐसे में शाह का यह दौरा काफी अहम है. शाह अपने इस दौरे पर पूर्वोत्तर में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे. साथ ही वे नई योजनाओं पर विमर्श के साथ ही पूर्वोत्तर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी कर सकते हैं।
क्या है अनुच्छेद 371
अनुच्छेद 371 में कई राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. इनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं। संविधान का यह अनुच्छेद जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है।इसी आधार पर उन्हें इस अनुच्छेद के माध्यम से विशेष दर्जा मिला हुआ है।साभार पल पल इंडिया।