दुद्धी, सोनभद्र। दुद्धी सहकारी फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष व पूर्व जिला महामंत्री भाजपा सोनभद्र सुरेंद्र अग्रहरि ने क्षेत्र में फैली बेरोजगारी तथा पलायन की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को पत्रक भेज इस जटिल समस्या के निदान की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया है कि जिले के दुद्धी तहसील में स्थित कल कारखानों में यहाँ के मूल निवासियों को रोजगार न मिलकर गैर जनपद वासियो को रोजगार मिला हुआ है जिससे यहाँ के मूल निवासी युवा , बेरोजगार , कुशल, अकुशल, प्रशिक्षित और शिक्षित लोग दूसरे राज्यों पंजाब, हरियाणा, गुजरात, चेन्नई,अहमदाबाद में रोजी रोटी की जुगाड़ में चले जाते है ,और अधिकतर गाँवो के युवाओं की यहाँ लाशें (डेड बॉडी)आती हैं।दुद्धी, म्योरपुर, बभनी,चोपन, रॉबर्ट्सगंज, घोरावल, रामगढ़ ,नगवा ब्लॉक के कई गाँवो के अधिकतर आदिवासी युवा बेरोजगार लोग अपने यहाँ कई कल कारखाने होने के बावजूद दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते है ।यह इस जिले के लिए अभिशाप से कम नहीं है कि जिस जनपद में दर्जनों से ऊपर कल कारखाने हो और यहाँ के युवा बेरोजगार दूसरे राज्यों में काम करने के लिए रोजी रोटी की जुगाङ में जाए और बदले में उन परिवारों को सिर्फ और सिर्फ डेड बॉडी मिलती है , एक बात पर गौर किया जाए या सर्वे कराया जाए तो पता चलेगा कि लगभग 5 वर्ष के दौरान अब तक सोनभद्र जिले के 8 ब्लॉकों के बेरोजगार युवाओं की 100 लाशें(डेड बॉडी) घर पहुँची होंगी।यह तो यहाँ के मूल निवासियों के साथ धोखा और उनके मूल अधिकारों का हनन है।यहाँ के कल कारखानों में यहाँ के लोगो की यानि मूल निवासियों की भागीदारी एक प्रतिशत से भी कम होगी।
पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि इस जिले के दुद्धी तहसील में भारत की अग्रणी बिजली उत्पादन कंपनी एन. टी.पी.सी. शक्तिनगर, एन. टी.पी.सी.बीजपुर , ,पिपरी हाइड्रो, एन. सी.एल. , लैंको अनपरा पावर प्लान्ट, हाईटेक कॉर्बन ,बीजीआर जैसी कई आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ साथ रॉबर्ट्सगंज तहसील के अंतर्गत ओबरा में थर्मल पावर प्लांट, चुर्क व डाला में सीमेंट फैक्टरी, डाला व ओबरा में कई क्रसर प्लान्ट के साथ साथ अन्य भी प्लान्ट है जहाँ पर यहाँ के मूल निवासी आदिवासी बेरोजगार युवाओं के साथ साथ अन्य लोगो को भी रोजगार मिलना चाहिए लेकिन ऐसा हुआ नही और न हो रहा है क्योंकि इन कल कारखानों में काम करने वाले दूसरे जिले या राज्यों के होते है जो अपने जिले या राज्यों के लोगो को अपने धाक और शोर्स पर नौकरी दिला देते हैं और अपनी राजनीति करते रहते है ।इस जिले के लोगो को इन कारखानों में इसलिए नही रखा जाता हैं जैसा कि कल कारखानों के उच्च अधिकारियों की दलील होती हैं कि स्थानीय लोग राजनीति ज्यादा करते है ।ऐसे अधिकारियों के बारे मे यही कहना है कि ऐसी दलीले देने से पहले यहाँ के मूल निवासियों के मूल अधिकारों के बारे मे सोचे ।कोई भी कल कारखाने जो भी स्थापित हुए उसमे शर्त साफ साफ था कि जो जिस योग्यता को रखेगा उसके हिसाब से नौकरी दी जाएगी लेकिन हुआ सब उसके विपरीत ।आज यहाँ का मूल निवासी युवा,बेरोजगार होकर घूम रहा है ,दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाता है तो सुरक्षा और जिम्मेदारी न होने के कारण उनसे क्रिटिकल कार्य करवाए जाते है जिसमे उनको अपना जान भी गवाना पड़ता है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए सोनभद्र जनपद के बेरोजगार नौजवानों को यहाँ के कल कारखानों में योग्यता के आधार पर( 50 प्रतिशत ) नौकरी दिया जाए।।