छत्तीसगढ़

रायगढ़।छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हर साल होने वाले चक्रधर समारोह का आयोजन 2 सितंबर से होने जा रहा है। रविवार को आयोजन स्थल रामलीला मैदान में सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं। 11 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में शहर के गेस्ट हाउस और प्रायवेट होटल के 358 कमरे सिर्फ कलाकारों के लिए बुक किए गए हैं। कार्यक्रम में नामचीन बॉलीवुड के सिंगर जावेद अली और उनकी टीम भी यहां अपनी प्रस्तुति देगी। इसके अलावा देश और राज्य के कई नामी कलाकार यहां संगीत, नृत्य और गायन से जुड़ी विधाओं की प्रस्तुतियां देंगे।
70 कारीगरों ने 180 घंटे में तैयार किया 17 हजार वर्गफीट का पंडाल
जिला प्रशासन इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है । खनिज विभाग, विद्युत मंडल, राजस्व, फारेस्ट, मत्सय पालन, पीएचई, ईरीगेशन और आबकारी जैसे अन्य करीब 8 विभाग मिलकर इस कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में लगे हैं। कोलकाता से आए 70 कारीगरों ने 180 घंटे में काम कर चक्रधर समारोह के लिए 17 हजार वर्ग फीट का पंडाल तैयार किया है। इनमें लाइट और साउंड का बंदोबस्त भी बॉलीवुड अवॉर्ड शोज की तर्ज पर किया गया है।
चक्रधर समारोह के पीछे की कहानी
आज़ादी के पहले से ही रायगढ़ के राजघराने ने कला की विभिन्न विधाओं को संरक्षण देने का काम शुरू कर दिया था। इस सांस्कृतिक विरासत को सबसे मजबूत करने का काम किया, यहां के राजा चक्रधर सिंह ने। चक्रधर सिंह अच्छे तबला और सितार वादक होने के साथ तांडव नृत्य में भी निपुण थे। राजा चक्रधर सिंह के काल में रायगढ़ में गणेश पूजा उत्सव का आयोजन किया जाता था। इस अवसर पर देश के कलाकार एकत्रित होते थे। इस परंपरा को स्थाई स्वरूप देने के लिए राजा भूपदेव सिंह ने चक्रधर समारोह की शुरुआत की। इस बार इसका 35 वा आयोजन किया जा रहा है। राजाओं के बाद अब सरकार इसका आयोजन करती है।
चक्रधर समारोह में होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में 2 सितम्बर को वेदमणि सिंह ठाकुर की गणेश वंदना, मुम्बई के गजल गायक मनहर उधास की भी प्रस्तुति शामिल है। इसके अलावा 3 सितम्बर को रायगढ़ के स्नेहा परिमिता स्वाईन द्वारा कथक, मुंगेली के रेखा देवार द्वारा छ.ग.लोक गायकी भरथरी गायन एवं मुम्बई के हमसर हयात का सूफी गायन होगा। 5 सितम्बर को सरगुजा के पंडितराम द्वारा शैला एवं बायर नृत्य, रितु वर्मा पण्डवानी गीत की प्रस्तुति देंगी।
6 सितम्बर को दिनेश जांगड़े द्वारा पंथी नृत्य, जावेद अली भी परफॉर्म करेंगे। 7 सितम्बर को बासंती वैष्णव एवं भूपेन्द्र बरेठ द्वारा कथक 8 सितम्बर को रायगढ़ के धारित्री सिंह चौहान द्वारा कथक, रायपुर के रजी मोहम्मद पियानो का जादू बिखेरेंगे। 9 सितम्बर को बिलासपुर के तनुश्री चौहान द्वारा कथक, वाराणसी के राहुल रोहित मिश्रा द्वारा शास्त्रीय गायन 10 सितम्बर को दुर्ग के रिखी क्षत्रीय द्वारा लोकवाद्यों की जुगलबंदी, अंतिम दिन 11 सितम्बर को छिंदवाड़ा की ईशा पाण्डेय द्वारा कथक व अन्य प्रस्तुतियां होंगी।
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