उत्तराखंड कर्मिको के लिए थ्री पी माना जाता था।

उत्तराखण्ड।अफसरों की कमी उत्तराखंड: अविभाजित उत्तर प्रदेश में सामान्य रूप से अधिकारी केवल नई पोस्टिंग, प्रमोशन या फिर पनिशमेंट पर ही पहाड़ पर भेजे जाते थे। इसीलिए उस दौरान उत्तराखंड कर्मिको के लिए थ्री पी माना जाता था।

कमोवेश वही हालात राज्य बनने के उन्नीस साल बाद भी है। उत्तराखंड में आईएएस अफसरों का 120 पोस्ट का कैडर हैं, जिसकी तुलना में 2018 बैच मिलाकर अण्डर ट्रेनिंग सहित कुल 93 अफसर यहां तैनात हैं। इनमें से दो IAS ऑफिसर रणवीर सिंह और चंचल कुमार तिवारी बीते मार्च महीने में रिटायर्ड हो चुके हैं। अभी 3 अफसर और डेपुटेशन पर जाने को तैयार बैठे हैं। हाल ही में केन्द्र सरकार ने 2002 बैच के 37 आईएएस अफसरों को संयुक्त सचिव स्तर की पोस्ट के लिए इम्पैनल किया है। इन अधिकारियों के उत्तराखण्ड कैडर के भी तीन अधिकारी नितेश झा, राधिका झा और सेंथिल पांडियन शामिल हैं।

इनके अलावा उत्तराखण्ड कैडर के जो IAS अधिकारी डेप्युटेशन पर तैनात हैं उनमें डा.अनूप बधावन, डा. सुखवीर सिंह संधु, डा.राकेश कुमार, सचिव कुर्वे, बीवीआरसी पुरुषोत्तम, श्रीधर बाबू अदांकी, डा.राघव लंगर, ज्योति यादव शामिल हैं. IAS अफसरों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से राज्य में प्रतिनियुक्ति पर आईएएस अफसरों को भेजे जाने की कई बार मांग की है।

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