आर्थिक संकट / राहुल बोले- आरबीआई का धन हड़पने से काम नहीं चलेगा, सीतारमण का जवाब- आपको चोर-चोर कहने में महारत

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री आर्थिक संकट का समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे। राहुल ने सरकार पर आरबीआई का धन हड़पने का आरोप भी लगाया। रिजर्व बैंक ने बिमल जालान कमेटी की सिफारिशें मानते हुए कैश सरप्लस में से 1.76 लाख करोड़ रुपए सरकार को ट्रांसफर करने की सोमवार को मंजूरी दी। राहुल ने इसी मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। इस बयान के बाद शाम को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- जब राहुल गांधी चोर-चोर जैसी चीजें उठाते हैं, तब एक चीज मेरे दिमाग में आती है कि वे चोर-चोर कहने में बेहतरीन हैं।उन्होंने बताया कि अभी इस बात पर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि आरबीआई से मिली राशि का इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा।

राहुल ने आरबीआई लूटेड हैशटैग का इस्तेमाल कर लिखा- आरबीआई से धन हड़पने का तरीकाकाम नहीं आएगा। यह डिस्पेंसरी से बैंड-ऐड चुराकर गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है।

राहुल को जनता ने माकूल जवाब दिया है- सीतारमण

रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को राशि दिए जाने पर सीतारमण ने कहा- राहुल को जनता ने माकूल जवाब दिया है। अब इस तरह के शब्दों का दोबारा इस्तेमाल करने का क्या फायदा है? बिमल जालान कमेटी को आरबीआई ने नियुक्त किया था। इसमें विशेषज्ञ थे, जिन्होंने एक रास्ता निकाला और इसी के तहत यह राशि आई। ऐसे में आरबीआई की विश्वसनीयता को लेकर दिया गया कोई भी सुझाव अजीब लगता है।राहुल को इस तरह के आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी से वित्त मंत्री का पद संभालने वालों से सलाह लेनी चाहिए थी। वे तुरंत चोरी के आरोप लगा देते हैं और मैं इस तरह के आरोपों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती।

कांग्रेस ने कहा- आरबीआई से राशि लेना सुनियोजित षड्यंत्र

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया- यह रहस्यमयी संयोग है या सुनियोजित षड्यंत्र कि आरबीआई से ली गई 1.76 लाख करोड़ रुपए की राशि भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की ‘गायब’ राशि के बराबर है? क्या यह रकम भाजपा के दिवालिया पूंजीपति मित्रों को बचाने के लिए है ? क्या ये आर्थिक समझदारी है?सोर्स ऑफ दैनिकभास्कर।

Translate »