विश्व आदिवासी दिवस पर नन्हकू बाबा को किया गया याद,जीर्णोद्धार का लिया गया संकल्प

दुद्धी(भीमकुमार) आज विश्व आदिवाशी दिवस के अवसर पर नन्हकू बाबा के स्मारक स्थल धनौरा पर ग्राम स्वराज समिति के संचालक व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने किया पूजा पाठ।ब्लाक क्षेत्र के धनौरा गांव में स्थित नन्हकू बाबा के स्मारक स्थल पर पहुँचकर दर्जनों ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामलोचन तिवारी ,ग्राम स्वराज समिति के संचालक महेशानंद भाई व रामेश्वर राय ने पूजा पाठ कर अदिवाशिंयो के हितों के बारे में जानकारी दिया और बताया कि आज विश्व आदिवासी दिवस है। इस दौरान आदिवासियों की मौजूदा हालात, समस्‍याएं और उनकी उपलब्धियों पर चर्चा हो रही है।प्रकृति के सबसे करीब रहनेवाले आदिवासी समुदाय ने कई क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है। संसाधनों के आभाव में भी इस समुदाय के लोगों ने अपनी एक खास पहचान बनाई है। गीत-संगीत-नृत्‍य से हमेशा ही आदिवासी समुदाय का एक गहरा लगाव होता है। उनके गीतो-नृत्‍यों में प्रकृति से लगाव का पुट दिखता है। लेकिन मौजूदा समय में आदिवासी समुदाय अपनी भाषा-संस्‍कृति से विमुख हो रही है। जिसे इस क्षेत्र के प्रचलित नन्हकू बाबा बुढऊ बाबा के स्मारक स्थल पर आगामी 9 अगस्त 2020 में एक भव्य रूप से कार्यक्रम कर भंडारा का आयोजन किया जाएगा। और बाबा का जीर्णोद्धार करने का संकल्प भी लिया गया। इस अवसर पर पुजारी तुलसी बैगा, बाबा के परिजन पुत्र कुलबुल गोड़,आशीष तिवारी,विवेक शांडिल्य, मदन मोहन तिवारी,मनोज पांडेय,धीरेंद्र सिंह,आलोक सिंह,सियाराम मरावी,जीत सिंह मरावी,मानिक चंद,सुभास कुमार,धर्मराज सिंह,शिवलाल,पंचम सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल पर धूम धाम से मनाई गई आदिवासी दिवसदुद्धी । मल्देवा गांव के महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल पर शुक्रवार को धूम धाम के साथ आदिवासी दिवस मनाई गई ।कार्यक्रम की शुरूआत बड़ा देव के सुमिरन कर बावन गढ़ के देवी देवताओं का आह्वान करते हुए किया गया।मुख्य धर्माचार्य अनिल सिंह पोया ने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कराई ।इसके बाद सभी लोगों ने दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण व तिलक लगाने का काम किया ।मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य बिरझन राम पनिका द्वारा पूजा सम्पन्न कराई गई ।मुख्य अतिथि ने महारानी दुर्गावती की साहस और बलिदान देने की कथा लोगो को सुनाते हुए कहा कि महारानी दुर्गावती की जीवन शैली से हम आदिवासी समाज को सीख लेनी चाहिए ।आदिवासी समाज आदिकाल से ही स्वाभिमानी रही हैं और समाज का सबसे बड़ा पृथ्बी पूजक समाज है ।कार्यक्रम के संयोजक फौदार सिंह परस्ते ने कहा कि आदिवासी समाज शिक्षित होकर ही अपनी असली हक़ को प्राप्त कर सकता हैं इसलिए शिक्षा सबसे जरूरी हैं उन्होंने नशामुक्त समाज की कल्पना की ।उन्होंने कहा जाता 9 अगस्त का दिन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जिसे आदिवासी समाज भूल नही सकता है lअंत में उम्भा में हुए घटना में मारे गए आदिवासियों को 2 मिनट की मौन रखकर श्रंद्धाजलि दी गई।महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल पर पौधरोपण भी किया गया।इस दौरान रमाशंकर,राजकुमार,अमर सिंह ,विष्णु,नन्हकी देवी,बाल गोबिंद,सुरेन्द्र ,दुखनीदेवी,हीरामनी ,बुद्धिनारायण,अवधेश सिंह, अनिल सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।कार्यक्रम का संचालन फौदार सिंह परस्ते ने किया।

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