
दुद्धी-(भीमकुमार) भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का गौरव प्राप्त कर चुकी सुषमा स्वराज के निधन पर भारतीय जनता पार्टी के नेता डीसीएफ चेयरमैन ने शोक व्यक्त किया और कहा कि 14 फरवरी 1952 को पंजाब के अम्बाला छावनी में जन्म लेने वाली सुषमा स्वराज ने पंजाब के चंडीगढ़ से कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जय प्रकाश आंदोलन में बढ़चढ कर हिस्सा ली।आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए सक्रिय राजनीति से जुड़ गई।1977 में हरियाणा विधानसभा में सदस्य निर्वाचित हुई ,इसी सत्र में 2 वर्ष श्रम एवं रोजगार मन्त्री बनी।इसके बाद राजनीति में उनका कद बढ़ता चला गया उसके बाद कई बार हरियाणा सरकार में मंत्री बनी।1990 से 96 तक राज्य सभा में चुन ली गई और केन्द्र में मंत्री बनी।दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनी और देश मे किसी राजनैतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि इन्हीं के नाम दर्ज है।कल रात्रि यानि 6 अगस्त 2019 को 11 बजकर 23 मिनट पर दिल्ली के एम्स में अन्तिम सांस ली।उनके निधन से भारतीय जनता पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई असंभव है।देश में आयरन लेडी ,कुशल व ओजस्वी वक्ता होने का गौरव प्राप्त सुषमा स्वराज के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए डीसीएफ चेयरमैन ने ईश्वर से प्रार्थना किया कि उनकी आत्मा को शान्ति मिले और परिवार को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करे।
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