गदा चैंपियन राजेश्वरी
काशी के इतिहास में पहली बार लड़कियों ने कुश्ती में लहराया परचम
-गदा, जोड़ी, डंबल प्रतियोगिता में 50 महिला पहलवानों ने लिया भाग
-पहलवानी में तोड़ा पुरुषों का वर्चस्व, लूटी वाहवाही
वाराणसी।पहलवानी के इतिहास में वाराणसी की बेटियों ने इस नागपंचमी को रच दिया इतिहास। इन बेटियों ने अब तक के पहलवानी के इतिहास में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ कर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज करा लिया। यह सब हुआ डॉ संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में।
महिला कुश्ती
दर्शकों से खचाखच भरे रेसलिंग हॉल के बाहर जुटीं बनारस की एक दो नहीं 50 बेटियां। जैसे ही पहलवानी कास्ट्यूम में एक के बाद एक बेटियां आने लगीं लोगो करतल ध्वनि से उनका अभिनंदन किया। फिर जैसे ही उन्होंने भारी-भरकम गदा जिसे फेरना पुरुषों के लिए भी आसान नहीं होता उसे उठाया तो मौजूद लोग खुशी से झूम उठे। यह ऐसी प्रतियोगिता रही कि प्रतिभागी के साथ प्रतिस्पर्धी भी एक-दूसरे की फेरी की गिनती गिनते रहे। एक-दो नहीं जब यह आंकड़ा सौ के पार गया तो पूरा रेसलिंग हॉल तालियों से गूंज उठा। हर्षध्वनि के बीच सभी ने इन बेटियों का स्वागत किया।
राजेश्वरी
डॉ संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के कुश्ती कोच गोरखनाथ यादव ने बताया कि कुश्ती, गदा, जोड़ी और डंबल प्रतियोगिता में कुल 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। विभिन्न स्पर्धाओं के परिणाम इस प्रकार रहे…
-राजेश्वरी सिंह 374 हाथ गदा घुमाकर पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरा स्थान भावना को मिला उसने 354 हाथ गदा घुमाया।
-जोड़ी प्रतियोगिता में रेणुका ने 184 हाथ घुमाकर पहला स्थान प्राप्त किया जबकि प्रीति सिंह 165 हाथ घुमाकर दूसरे स्थान पर रहीं।
-डंबल प्रतियोगिता में निधी सिंह ने 234 हाथ घुमाकर पहला स्थान प्राप्त किया जबकि 230 हाथ घुमाकर प्रीति कुमारी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
-महिला कुश्ती में प्रीति सिंह ने अर्चना प्रजापति को चित्त कर महिला वर्ग का खिताब अपने नाम किया।
-पुरुष कुश्ती के वर्ग में मनीष ने रितिक यादव को चित्त करके कुश्ती का खिताब जीता।
कुश्ची की तैयारी में प्रतिभागी
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव संजय सिंह बब्लू और विशिष्ट अतिथि मनोहर पहलवान और केके बाबुल पहलवान (दोनों पूर्व उत्तर प्रदेश केसरी) ने पहलवानों को पुरस्कार वितरित किया। सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद राजीव सिंह रानू वरिष्ठ उपाध्यक्ष वाराणसी कुश्ती संघ ने किया जबकि कुश्ती कोच गोरखनाथ यादव ने संचालन किया।
नागपंचमी पर जुटे बनारस के पहलवान
बता दें कि तकरीबन 40 साल बाद स्टेडियम में नागपंचमी पर भव्य कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस बारे में यह भी बता दे कि यह सब दिवंगत आरएसओ चंद्रमौलि पांडेय की सोच रही। वह खुद भी कुश्ती-पहलवानी से जुड़े रहे। हाल ही में सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। उसके बाद सभी पहलवानों और कुश्ती कोच ने इस समारोह को भव्य तरीके से आयोजित कर अपने प्रिय क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी को श्रद्धांजलि देने का काम किया।