दुद्धी सीएचसी में तबादला एक्सप्रेस रहा जारी,एक महिला सहित दो चिकित्सकों की हुई तैनाती

दुद्धी(भीमकुमार) बीते दिनों पूर्व में बच्चों की तवियत खराब होने से रजखड़ गाँव मे हड़कम्प मच गया था। जिसके बाद स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सको ने ग्रामीणों को निःशुल्क इलाज किया और डीडीटी का छिड़काव भी कराया पर आज मुख्य चिकित्साधिकारी एसपी सिंह ने एक चिकित्सक को दुद्धी से हटाकर म्योरपुर भेज दिया। यहां से हटाए गए चिकित्सकों के बदले एक महिला एक पुरुष डाक्टर को दुद्धी सीएचसी के लिए भेजा दिया गया है। जो चिकित्सक मंगलवार को अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। बतादें कि बीते बुधवार को दुद्धी सीएचसी में रजखड गांव के ठोंगवा पहाड़ी टोले से दो किशोरियों समेत पांच बच्चों को बेहोशी की हालत में लाया गया था।परिजनों का आरोप था कि बच्चों के इलाज में स्वास्थ्यकर्मियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। पांच बच्चों में से गंभीर दिख रहे दो बच्चों के ब्लड नमूना में पीएफ का रिपोर्ट आने के बावजूद उन्हें तत्कालिक तौर पर चिकित्सीय सुविधा के साथ ही बेड तक से उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके वजह से उनकी हालत बिगड़ती चली गई| बच्चों के परिजनों ने जब चिकित्सक से देररात उनकी स्थिति के बारे में बताया तो झुंझलाए चिकित्सक ने उन्हें रेफर की पर्ची थमा दिया| बीमार बच्चों के साथ परिजन पूरी रात फर्श पर रहे,सुबह जब इसकी भनक अन्य लोगों को हुई तो वे मामले से जिलाधिकारी को अवगत कराया| इसके बाद मौके पर पहुंच कर एसडीएम एवं सीएमओं ने प्रकरण की जांच में लापरवाही की पुष्टि हो गई| मामले में सीएमओं ने अधीक्षक को तत्काल हटाने का निर्देश देते हुए कई स्वास्थ्य कर्मियों एवं चिकित्सकों को फटकार लगाई थी| डीएम के सख्त रुख के बाद सीएमओं ने शनिवार की शाम आरोपित चिकित्सक डा वीके सिंह को यहां से हटाकर म्योरपुर सीएचसी भेज दिया| दोनों चिकित्सको के स्थान पर डा संजीव एवं उनकी चिकित्सक पत्नी को यहां भेजा गया है| संभवना जताई जा रही है कि वे सोमवार की देरशाम या मंगलवार की सुबह यहां आकर पदभार ग्रहण कर लेंगे|
वाराणसी में भर्ती भाई-बहन की अभी भी हालत गंभीर है। वाराणसी के निजी अस्पताल एवं बीएचयू में भर्ती भाई बहन की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। जबकि सीएचसी दुद्धी में भर्ती तीनों बच्चों की स्थिति में लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है। जिले एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर संजय गुप्ता के अगुवाई में प्रभावित टोले में गई टीम ने 54 बच्चों की रक्त पट्टिकाएं बनाई थी,जिसमें से मात्र एक बच्चे में मलेरिया पीवी धनात्मक पाया गया। इसके अलावा 30 अन्य सामान्य मरीजों का भी इलाज़ कर आवश्यक दवाईयां मुहैय्या कराई गई| इस मौके पर फार्मासिस्ट जयप्रकाश, लैब टेक्नीशियन सीताराम शामिल रहे ।

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